आगरा में STF को एक करोड़ की रिश्वत की पेशकश करने वाले दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को हाईकोर्ट से तीनों मुकदमों में जमानत मिल गई है। आरोपी पर तीन केस दर्ज कराए गए थे। दो मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
हिमांशु अग्रवाल पर अगस्त में नकली दवा कारोबार पर हुई छापेमारी के दौरा थाना कोताली में दो और थाना एमएम गेट में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें एंटी करप्शन, नकली दवा बेचना और धोखाधड़ी कर दवा मंगाना और बेचने का केस शामिल था। कोर्ट ने उसे 11 नवंबर को धोखाधड़ी कर दवा लाने और ले जाने के मामले में जमानत दी थी। इसके बाद 26 नवंबर को दूसरे मामले में जमानत मिली। इस केस में एसटीएफ टीम ने आरोप लगाया था कि हिमांशु अग्रवाल ने खुद को बचाने के लिए एक करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की थी। इसी आधार पर उनके खिलाफ 24 अगस्त 2025 को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 8 में अलग मुकदमा दर्ज किया गया था। तीसरी जमानत 8 दिसंबर को मिली है। यह मामला नकली दवा बेचने का मामला था। संभावना है कि एक-दो दिन में हिमांशु आगरा आ जाएगा। 19 सितंबर से हिमांशु अग्रवाल जेल में बंद है।
अब जानिए हिमांशु कैसे STF के शिकंजे में आया… 22 अगस्त, शुक्रवार को आगरा की दवा मार्केट में ड्रग विभाग की कानपुर और बस्ती मंडल की टीम ने छापा मारा। टीम के साथ STF भी थी। करीब 30-35 कर्मचारी बंसल और हे मां मेडिकल स्टोर पहुंचे। टीम ने इन दोनों दुकानों के साथ ही इनके गोदाम की भी जांच शुरू की। इसके बाद रात होने पर टीम ने दोनों की दुकान और गोदाम को सील कर दिया। सुबह फिर से जांच शुरू की। ड्रग विभाग के मुताबिक, हे मां मेडिकल एजेंसी में साढ़े 3 करोड़ की दवाएं मिलीं। टीम ट्रक में भरकर इन दवाओं को कोतवाली ले गई। वहीं, बंसल मेडिकल एजेंसी के मोती कटरा स्थित गोदाम में भी टीम पहुंची। वहां दवाइयों से भरी एक डीसीएम मिली। यह माल रेलवे के जरिए आया था। चेन्नई की किसी फर्म ने लखनऊ के पते पर भेजा था, लेकिन माल आगरा में उतारा गया था। टीम ने ट्रक को जब्त कर लिया। दवाओं की कीमत का बिल 10 लाख का था। सूत्रों के मुताबिक, बंसल मेडिकल स्टोर के गोदाम से 1 करोड़ रुपए की दवाएं बरामद की गईं। हे मां मेडिकल स्टोर के मोतीकटरा में कई गोदाम मिले। यहां से दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ। इनकी अनुमानित कीमत 2.43 करोड़ रुपए बताई गई है। इस तरह दोनों फर्मों के गोदामों से कुल 3.23 करोड़ रुपए की दवाइयां बरामद की गई हैं।
3 बैग में 1 करोड़ रुपए लेकर पहुंचा हिमांशु छापेमारी के बाद हिमांशु अग्रवाल मामले को रफा-दफा कराना चाहता था। उसने पहले दवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों से STF और ड्रग अधिकारियों को फोन करवाया। फिर भी बात नहीं बनी तो खुद वॉट्सऐप कॉल कर STF इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा से संपर्क किया। उनसे वॉट्सऐप कॉल पर मामला सेट करने की बात की। इसके बाद STF इंस्पेक्टर यतींद्र ने एडिशनल एसपी राकेश यादव के साथ ही एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश को इस बारे में बताया। साथ ही खुद भी हिमांशु के संपर्क में रहे। हिमांशु ने 1 करोड़ रुपए 4 घंटे में इकट्ठा किए। फिर वह 3 बैग में नोट लेकर इंस्पेक्टर से मिलने पहुंच गया। बैग में 500-500 के नोट भरे थे। थाने में ही STF इंस्पेक्टर ने हिमांशु अग्रवाल को 1 करोड़ की रिश्वत के साथ पकड़ लिया। हिमांशु को मौके से अरेस्ट किया गया।
इन 5 कंपनियों की नकली दवा मिली
विभाग को गोदाम से 5 बड़ी कंपनियों की नकली दवा मिली हैं। इसमें ग्लेनमार्क, सन फार्मा, जाइडस, सनोफी और यूएसबी की दवा हैं। इन नकली दवाओं में कई लाइफ सेविंग ड्रग हैं। 14 दवाओं के नमूने लिए गए हैं। फर्जी क्यूआर कोड लगाते थे
पकड़ी गई नकली दवाओं को असली जैसा दिखाने के लिए उन पर असली दवाओं के रैपर पर लगने वाले क्यूआर कोड़ लगाए गए थे। दवा कंपनी के लोगों ने जब इन क्यूआर कोड को स्कैन किया, तो पता चला कि फर्जी तरीके से इन्हें लगाया गया है। असली क्यूआर कोड स्कैन करने पर दवा की पूरी जानकारी मोबाइल पर आ जाती है।
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