तीन दिन पहले यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी राजीव कृष्ण आगरा आए। पुलिस के साथ बैठक में उन्होंने पुलिसकर्मियों से अच्छे व्यवहार का पाठ पढ़ाया। मगर, उनके इस ज्ञान का अधीनस्थों पर कोई असर नहीं दिखा। सिकंदरा थाने के एक एसआई ने महज रांग साइड चलने पर बाइक सवार का सिर ऑटो में दे मारा। इतना ही नहीं उसके बाइक का चालान किया और शांति भंग की धारा में कार्रवाई तक कर दी। पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने अपने साथ हुई घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया है।
मामला 19 दिसंबर का है। सिकंदरा निवासी योगेश शर्मा ने बताया कि वह और उसका छोटा भाई 19 दिसंबर को कैलाश मंदिर की ओर रॉन्ग साइड पर जा रहे थे। आगे एक दरोगा जिनका नाम नीरज सोलंकी है, उन्होंने रोक लिया। रॉन्ग साइड पर चलने पर नाराज हुए। योगेश का कहना है कि दरोगा के कहने पर उन्होंने अपनी बाइक मोड़ ली। इसी दौरान दरोगा ने मोटरसाइकिल का फोटो खींच लिया। उन्होंने पूछा कि साहब मैं आपकी बात मान ली। मैंने अपनी गाड़ी मोड़ ली है। आप गाड़ी का फोटो क्यों खींच रहे हैं तो इस बात पर दरोगा गुस्सा हो गए। मोटरसाइकिल की चाबी निकाल ली। कहा कि अब तो चालान होगा। योगेश ने कहा कि सर, यहां से हर दिन सैकड़ों गाड़ी रांग साइड निकालती हैं। मैंने आपकी बात मान ली है। मगर, दरोगा का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने कहाकि अब बाइक सीज होगी। योगेश ने मेरे पास तो सभी कागज हैं।हम लोग हेलमेट भी पहने हुए हैं। इस बात पर तो दरोगा का पारा और हाई हो गया। अभद्रता करते हुए जेल भेजने की धमकी दी।
कुछ और पुलिसकर्मी आ गए। उन्होंने जबरन ऑटो में बैठने की कोशिश की। विरोध करने पर ऑटो में सिर दे मारा। जिससे उसका सिर फट गया और खून बहने लगा। इसके बाद भी जबरन उसे थाने ले गए। शांति भंग में चालान कर दिया। मोटरसाइकिल सीज कर दी। योगेश का कहना है की मोटरसाइकिल भी सीज ऐसी की है की उसकी मोटरसाइकिल का नंबर डाल दिया है और फोटो किसी एक्टिवा का है। इंस्पेक्टर हुए थे एसआई पर नाराज
पीड़ित का कहना है कि थाने में इंस्पेक्टर भी पुलिसकर्मियों पर पूरी घटना को लेकर नाराज हुए थे और दरोगा से कहा था कि तुम किसी दिन थाने को नपवा दोगे। उन्होंने मुंशी को बुलाकर कहा कि इस मामले में लिखा पढ़त तो नहीं हुई है। मुंशी ने बताया कि दारोगा जी ने 151 में चालान कर दिया है। योगेश का यह भी कहना है कि एसीपी कोर्ट में जमानत में उसके 10 से 12 हजार खर्च हो गए जबकि वह बेहद गरीब है। पुलिस की वजह से वह मानसिक तनाव में है। वह मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत करेगा।
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