प्रयागराज के नैनी थाने के सीलशुदा मालखाने से लाइसेंसी रिवाल्वर गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में मौजूदा प्रभारी निरीक्षक बृजकिशोर गौतम ने खुद तहरीर लिखवाकर बर्खास्त पूर्व मालखाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। 2007 के मुकदमे में जब्त किया गया था लाइसेंसी शस्त्र गायब रिवाल्वर पप्पू उर्फ रहमत अली निवासी एम एडीए कॉलोनी थाना नैनी प्रयागराज का लाइसेंसी शस्त्र है। यह रिवाल्वर नैनी थाने में वर्ष 2007 में हत्या और गैंगस्टर के मुकदमे में जब्त किया गया था। रिवाल्वर रिलीज किए जाने के संबंध में जिलाधिकारी प्रयागराज ने 05 जुलाई 2023 को आदेश दिया था। आदेश का पालन न होने पर पप्पू उर्फ रहमत अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दाखिल की। एसीपी के नेतृत्व में बनाई गई थी तीन सदस्यीय टीम थाना नैनी के मालखाने का चार्ज मौजूदा हेड मोहर्रिर अशोक कुमार यादव को सौंपने के लिए पूर्व में ही एक टीम बनाई गई थी। इसमें सहायक पुलिस आयुक्त करछना अरुण कुमार त्रिपाठी, प्रतिसार निरीक्षक द्वितीय रिजर्व पुलिस लाइंस प्रवीण कुमार सिंह और नैनी थाना प्रभारी बृजकिशोर गौतम शामिल थे। यह भी कहा— मालखाने में ही होगा, ढूंढ लीजिए 03 दिसंबर को मालखाना खोलने और तलाशी के लिए टीम ने कार्रवाई शुरू की। टीम ने मालखाना खुलवाकर वीडियोग्राफी के साथ तलाशी कराई, लेकिन तलाशी के दौरान रिवाल्वर नहीं मिला। रिवाल्वर नहीं मिलने पर टीम के सदस्य नैनी थाना प्रभारी बृजकिशोर गौतम ने बर्खास्त मुंशी राजेन्द्र प्रसाद से फोन पर बात की। उस दौरान उसने खुद को बीमार बताया और थाने आ पाने में असमर्थता जताई। यह भी कहा कि रिवाल्वर मालखाने में ही होगा। इंस्पेक्टर ने जताया शक, जानबूझकर गायब किया तलाशी के बाद भी रिवाल्वर नहीं मिलने पर नैनी थाना प्रभारी ने बर्खास्त मुंशी के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। इसमें लिखा कि तलाशी के दौरान रिवाल्वर न मिलना और राजेन्द्र प्रसाद का व्यवहार यह दर्शाता है कि रिवाल्वर को जानबूझकर नहीं सौंपा गया और उसे गायब कर दिया गया। यह कृत्य संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। अब जानिए कौन है बर्खास्त मुंशी कोऑपरेटिव सोसाइटी में हुआ था करोड़ों का गबन हेड मोहर्रिर ने जिस मुकदमे में जमा रकम उड़ाई, वह यूनिवर्सल मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में गबन से संबंधित था। 2014 में क्राइम ब्रांच की टीम ने युनिवर्सल मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के एमडी की शिकायत पर कंपनी के तीन मैनेजरों को हिरासत में लेकर उनके पास से कंपनी का 1.62 करोड़ रुपये बरामद किए थे और रकम नैनी थाने के मालखाने में जमा कराई थी। कंपनी को इनकम टैक्स विभाग से क्लीन चिट मिलने के बाद एमडी कोर्ट के आदेश पर नैनी थाने से रकम रिलीज कराने पहुंचे तो यह पूरा घोटाला सामने आया। 6 सितंबर 2014 को समिति के वाराणसी स्थित कार्यालय से 1.82 करोड़ रुपये लेकर कई कर्मचारी भाग निकले थे। बाद में इन्हें गिरफ्तार कर इनके कब्जे से रकम बरामद की गई। एक कर्मचारी अनूप कुमार के पास से बरामद 24.55 लाख रुपये ट्रेजरी में जमा करा दिए गए, जबकि शेष 1.62 करोड़ रुपये नैनी थाने के मालखाने में जमा कराए गए थे।
https://ift.tt/F8rquOi
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply