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तौकीर रजा की 14 दिन की न्यायिक हिरासत फिर बढ़ी:बरेली बवाल मामले में 26 सितंबर से जेल में बंद, अब तक 87 आरोपी भेजे गए जेल

तौकीर रजा की मंगलवार को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। सीजेएम अलका पांडे ने इस केस की सुनवाई की। पेशी के दौरान अदालत ने तौकीर रजा की न्यायिक हिरासत को एक बार फिर 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है। अब 22 दिसंबर को उनकी अगली पेशी होगी। तौकीर रजा को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उन्हें बरेली बवाल का मास्टरमाइंड माना है। तौकीर के खिलाफ कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं। फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है तौकीर रजा तौकीर रजा इस समय यूपी की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्होंने बरेली कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन राहत नहीं मिली और जमानत खारिज कर दी गई। गिरफ्तारी के बाद पहले उन्हें बरेली जेल भेजा गया, फिर उसी दिन फतेहगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। तौकीर रजा पर दंगा भड़काने, उकसाने, वीडियो वायरल कर प्रशासन को धमकाने और हत्या की साजिश जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद से भड़का था बवाल 26 सितंबर को हुए बरेली बवाल के दौरान पुलिस उपद्रवियों को खदेड़ रही थी। यह विवाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर हटाने की कार्रवाई से भड़का था। तौकीर रजा ने ऐलान किया था कि जुमा की नमाज के बाद इस्लामिया ग्राउंड में बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे। नवरात्र और दो उर्स एक साथ होने की वजह से प्रशासन ने धारा 163 लागू की थी और प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद तौकीर रजा ने वीडियो जारी कर प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर लोगों को रोका गया तो अंजाम ठीक नहीं होगा। जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो पथराव और फायरिंग शुरू हो गई। उपद्रवियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम तक फेंके। पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात को काबू में किया। खलिल तिराहा से शुरू हुआ बवाल पूरे शहर में फैला 26 सितंबर को खलिल तिराहे पर नमाज के बाद भीड़ ने नारेबाजी की और ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए। पुलिस से धक्का-मुक्की हुई, फिर पथराव और पेट्रोल बम से हमला किया गया। इसके बाद नौमहला मस्जिद, कोतवाली, एसपी सिटी ऑफिस, नॉवेल्टी चौराहा, आजमनगर और श्यामगंज इलाकों में भी बवाल फैल गया। करीबी नेता भी जेल में, 250 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों पर कार्रवाई जारी तौकीर रजा के साथ उनके कई करीबी और IMC पदाधिकारी भी जेल भेजे जा चुके हैं। इनमें राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता डॉ. नफीस, पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम, फरहत, मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीशी, अनीस सकलैनी और साजिद शामिल हैं। कुल 87 लोग जेल में बंद हैं। सीएम योगी के सख्त रुख के बाद बरेली प्रशासन अब तक करीब 250 करोड़ से अधिक की संपत्तियां सील और ध्वस्त कर चुका है। इसमें डॉ. नफीस का 5 करोड़ का बारातघर, सपा पार्षद ओमान रजा का अवैध चार्जिंग स्टेशन, मोहम्मद आरिफ का 10 करोड़ का दो मंजिला मार्केट, 3 मंजिला सुपर मार्केट, सपा नेता सरफराज बली और मोहम्मद राशिद का बारातघर शामिल हैं, जिन्हें प्रशासन पहले ही जमींदोज कर चुका है।


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