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तो हाईकोर्ट बेंच आंदोलन की अगुवाई करेंगे राहुल गांधी:केंद्रीय संघर्ष समिति नेता प्रतिपक्ष से करेगी मुलाकात, पश्चिम के भाजपा सांसदों को भी घेरेगी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच के मुद्दे पर कोई निर्णय ना लेना केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है। हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति मेरठ बंद की सफलता के बाद अब अपने आंदोलन का विस्तार करने जा रही है। खास बात यह है कि आंदोलन से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जोड़ने की तैयारी है, जिसके लिए कांग्रेस नेताओं से संपर्क किया जा रहा है। जानकारों की मानें तो राहुल गांधी के जुड़ने से हाईकोर्ट बेंच आंदोलन को मजबूती मिलना तय है। एक नजर हाईकोर्ट बेंच आंदोलन पर पिछले लगभग 6 दशकों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच स्थापना की मांग उठ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह प्रयागराज स्थित हाईकोर्ट से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जनपदों की दूरी है। लगभग 700 किलोमीटर का सफर तय कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को हाईकोर्ट पहुंचना पड़ता है। सस्ते और सुलभ न्याय के लिए जरूरी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच स्थापित हो। इसके लिए कई बड़े आंदोलन हो चुके हैं और अब इस लड़ाई को आर पार की लड़ाई बनाने पर विचार किया जा रहा है। आंदोलन से नेता प्रतिपक्ष को जोड़ने की तैयारी मेरठ बंद की सफलता के बाद आगे की रणनीति पर विचार विमर्श शुरु हो गया है। गुरुवार को एग्जीक्यूटिव कमेटी के साथ बार के पूर्व अध्यक्ष व महामंत्री जुटे। सभी ने आंदोलन को रफ्तार देने के लिए आगे की रणनीति पर विचार किया। इस दौरान तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। दावा किया जा रहा है कि इन तीनों निर्णयों को लागू करने से हाईकोर्ट बेंच आंदोलन आक्रामक होगा। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय इस आंदोलन के मंच पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लाने का रहा। तीन प्रमुख सुझावों को हरी झंडी गुरुवार की बैठक की शुरुआत आंदोलन के 60 वर्षों के सफर पर चर्चा के साथ हुई। किस सरकार का कितना समर्थन मिला और किसने वादाखिलाफी की, इन सब पर भी चर्चा की गई। अधिकांश सभी अधिवक्ताओं ने आंदोलन तेज करने पर जोर दिया। सुझावों का दौर शुरु हुआ तो दर्जनभर से ज्यादा सुझाव सामने आ गए, जिनमें से तीन सुझावों का चयन किया गया है। इन सुझावों को जनवरी में होने जा रही सेंट्रल एक्शन कमेटी की बैठक में रखने का निर्णय लिया गया। आइए जानते हैं क्या हैं तीन सुझाव : सुझाव नंबर 1 : एग्जीक्यूटिव कमेट और पूर्व अध्यक्ष-महामंत्री की बैठक में निर्णय लिया गया कि विधि मंत्री से वार्ता का जो सुझाव पूर्व में आया था, उसे स्वीकार किया जाए। ताकि सरकार की मंशा को समझा जा सके। इसमें जरूरत पड़ती है तो मेरठ सांसद अरुण गोविल और राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का सहयोग लिया जाएगा। सुझाव नंबर 2 : बैठक में यह भी तय किया गया कि जल्द ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी सांसदों की लॉबिंग भी की जाए। इसमें अधिवक्ताओं के समूह प्रत्येक लोकसभा व राज्यसभा सांसद से मिलकर उनका हाईकोर्ट बेंच के लिए लिखित समर्थन जुटाकर केंद्र सरकार को भेजेंगे। सुझाव नंबर 3 : बैठक का तीसरा व सबसे महत्वपूर्ण सुझाव लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने का रहा, जिसका सभी ने समर्थन किया। वक्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी अगर हाईकोर्ट बेंच आंदोलन से जुड़ेंगे तो निश्चिततौर पर परिणाम मिलेंगे। विधि मंत्री से मुलाकात तय करेगी दिशा हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल से हाईकोर्ट बेंच मुद्दे पर वार्ता का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को सेंट्रल एक्शन कमेटी के समक्ष रखकर पारित कराने का प्रयास होगा ताकि दिल्ली में मुलाकात कर सरकार की मंशा को समझा जा सके।


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