उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जालौन में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि जिले में सिंचाई क्षमता का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। लगभग तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा से जोड़ा गया है, जबकि एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लघु सिंचाई का विस्तार हुआ है। इससे फसल उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि हुई है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित इस बैठक में जल शक्ति विभाग, सिंचाई, लघु सिंचाई और जल जीवन मिशन से संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्री ने नलकूप, सिंचाई परियोजनाएं, जल संरक्षण, नदी पुनरुद्धार, चेक डैम और तालाबों के संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी योजनाओं को गुणवत्तापूर्ण तरीके से और निर्धारित समय सीमा में पूरा करने तथा जमीनी स्तर की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए मंत्री ने संबंधित अधिकारियों और कार्यदायी एजेंसियों को फटकार लगाई। उन्होंने पाइपलाइन लीकेज, सड़क बहाली (रोड रेस्टोरेशन) और जल आपूर्ति से जुड़े सभी लंबित कार्यों में तत्काल तेजी लाने का निर्देश दिया। लीकेज से संबंधित शिकायतों का 48 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से निस्तारण करने को कहा गया। जीवीपीआर एजेंसी को 15 फरवरी 2026 तक और बीजीसीसी एजेंसियों को जून 2026 तक ‘हर घर नल से जल’ पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है। देरी होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री ने नहरों के संचालन को लेकर निर्देश दिए कि पानी टेल तक समय पर पहुंचना चाहिए। हाल ही में हुई नहर ओवरफ्लो की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि किसानों की सिंचाई आवश्यकता पूरी होते ही सिल्ट सफाई का कार्य अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके अतिरिक्त, किसानों के साथ नियमित जल चौपाल आयोजित कर नहरों में पानी की उपलब्धता और समय-सारणी की पूर्व जानकारी देने पर भी जोर दिया गया।
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