कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड से बुधवार सुबह लापता हुआ नवजात शिशु 30 घंटे बाद गुरुवार रात सकुशल मिल गया। पुलिस–प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई और ग्रामीणों की सजगता से मासूम को एक घर से बरामद किया गया। बच्चे के पिता प्रदीप ने कहा—“15 साल बाद हमारा बेटा हुआ था, उसके गायब होने से हम टूट गए थे… लेकिन पुलिस और मीडिया की मदद से वह वापस मिल गया।” कैमरे बंद, गार्ड नदारद… संवेदनशील वार्ड में सुरक्षा की पोल खुली नवजात के गायब होने ने मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एसएनसीयू जैसे हाई–रिस्क वार्ड में कैमरे बंद मिले। प्रवेश–निकास का सिस्टम फेल था। एक बाहरी महिला बिना रोक-टोक अंदर पहुंच गई।प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कैमरा तकनीशियन का भुगतान महीनों से लंबित था, इसी कारण CCTV काम नहीं कर रहे थे। घटना वाले दिन वार्ड में 51 बच्चे भर्ती थे, जबकि स्टाफ बेहद कम था। पहले भी दलाल सक्रियता और चोरी की घटनाएं, लेकिन इस बार सबसे बड़ी सुरक्षा चूक मेडिकल कॉलेज में पहले बाइक चोरी और दलालों की आवाजाही जैसी शिकायतें मिलती रही हैं। लेकिन नवजात गायब होना अब तक की सबसे गंभीर घटना है। जिला प्रशासन ने इसे ‘सिस्टम फेलियर’ का मामला बताया है। गांव में संदिग्ध महिला के घर से मिला नवजात गुरुवार शाम पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मनिकौरा गांव से सूचना मिली कि एक महिला के घर में संदिग्ध हालत में नवजात देखा गया है। ग्राम प्रधान नंदलाल साहनी की सूचना पर SWAT टीम और जटहां बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तलाशी के दौरान बच्चा सकुशल मिल गया।बच्चे को ले जाने वाली महिला की पहचान माया (निवासी—मनीकौरा बिनटोली) के रूप में हुई है। छह माह पहले उसके पति की मौत हुई थी। उसकी तीन बेटियां हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मानसिक तनाव में वह इस कदम की ओर बढ़ी। बच्चा सौंपने के बाद महिला मौके से भाग निकली। उसकी तलाश जारी है। डीएम–एसपी ने बनाई थीं कई टीमें, थानों से लेकर गांवों तक फोटो भेजी गई घटना के बाद DM और SP ने तुरंत कई टीमें लगाईं। नवजात की फोटो और जानकारी सभी थानों, अस्पतालों और ग्राम प्रधानों तक भेजी गई। एम्बुलेंस कर्मियों, अस्पताल स्टाफ, गार्डों और CCTV की जांच शुरू हुई, तभी खुलासा हुआ कि कैमरे बंद थे।
परिजन बोले—सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक वार्ड में प्रवेश नहीं मिला, दरवाजा खुला तो बच्चा गायब मूल रूप से नेबुआ नौरंगिया निवासी प्रदीप की पत्नी रीना ने बुधवार सुबह 5:40 बजे बेटे को जन्म दिया। बच्चे को 6:45 बजे एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया।परिजनों का आरोप है कि सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक उन्हें वार्ड में जाने नहीं दिया गया। जब दरवाजा खोला गया तो बच्चा वहां नहीं था। SP बोले—महिला CCTV में दिख रही है, तलाश जारी; DM ने प्रशासनिक कार्रवाई के संकेत दिए SP कुशीनगर ने बताया कि संदिग्ध महिला CCTV फुटेज में दिखाई दे रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं।वहीं DM ने मेडिकल कॉलेज की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। सुरक्षा प्रोटोकॉल की पूरी समीक्षा शुरू कर दी गई है। सवाल यह—इतने बड़े संस्थान में सुरक्षा इतनी कमजोर कैसे? मामला शांत जरूर हो गया है, लेकिन सवाल नहीं। 30 घंटे की दहशत ने जिले की स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी है।लोग अब पूछ रहे हैं— कुशीनगर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से बच्चा मिल गया, लेकिन यह घटना सिस्टम की उन खामियों को सामने ले आई है जिन्हें सुधारना अब अनिवार्य हो गया है।
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