संगीत मिलन संगठन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता ‘क्लासिकल वॉयस ऑफ इंडिया-2025’ का शुक्रवार को भव्य शुभारंभ हुआ। रामकृष्ण मठ के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानंद ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और माँ सरस्वती को नमन किया। उद्घाटन समारोह में संगीत मिलन के संस्थापक पं. मिलन देबनाथ और सचिव अरुंधति चौधरी उपस्थित रहे। निर्णायक मंडल के प्रतिष्ठित सदस्य प्रो. सौभाग्यवर्धन (चंडीगढ़), उस्ताद वसीम अहमद खान (कोलकाता) और पं. शिरीष शाह (मुंबई) भी मौजूद थे। डॉ. निष्ठा शर्मा, डॉ. अंजना मिश्रा और सुमित मलिक सहित कई अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी शिरकत की। वार्षिक स्मारिका का विमोचन किया गया प्रतियोगिता के पहले दिन ‘संगीत मिलन क्लासिकल वॉयस ऑफ इंडिया’ की वार्षिक स्मारिका का विमोचन किया गया। इस स्मारिका में प्रतियोगिता की मुख्य झलकियाँ, निर्णायकों और गुरुओं के लेख, प्रतिभागियों की चयन यात्रा तथा संगीत मिलन की भविष्य की योजनाएँ शामिल हैं। पहले दिन की प्रतियोगिताएँ विशेष रूप से शास्त्रीय गायन पर केंद्रित थीं। जूनियर, मिडिल और सीनियर वर्गों में देशभर के युवा कलाकारों ने अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर सहित विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर का बना दिया। संगीत साधना ईश्वर से मिलन का एक सरल मार्ग मुख्य अतिथि स्वामी मुक्तिनाथानंद ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य ईश्वर दर्शन है, और संगीत साधना ईश्वर से मिलन का एक सरल तथा पवित्र मार्ग है। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को नई पीढ़ी से जोड़ने के संगीत मिलन के प्रयासों की सराहना की। पहले दिन कुल 27 प्रतिभागियों ने अपनी आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं। मिडिल वर्ग में वाराणसी की नियति वर्मा ने राग मुल्तानी से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया । जूनियर वर्ग से लुधियाना की श्रेयांशी पाहवा ने पारंपरिक ध्रुपद शैली में प्रस्तुति देकर प्रशंसा बटोरी। सीनियर वर्ग में अलोलिका कोलाय ने राग भोपाली में भावपूर्ण गायन किया, जबकि अजमेर (राजस्थान) के डेनिस फ्रेंकलिन ने राग टोडी के माध्यम से परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम प्रस्तुत किया।
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