इटावा। शहर के ऐतिहासिक इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रांगण में इटावा हिन्दी सेवा निधि द्वारा 33वां सारस्वत समारोह भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दी भाषा, साहित्य और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर विचार करना रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद छात्र छात्राओं ने वंदे मातरम और हिन्दी वंदना गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भावपूर्ण बना दिया। आयोजन समिति की ओर से सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने तीन पुस्तकों का विमोचन किया, जिसे उपस्थित साहित्यकारों और हिन्दी प्रेमियों ने सराहा। मुख्य अतिथि ने कहा- इटावा जनपद पिछले तीन दशकों से हिन्दी भाषा और संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है। उन्होंने इस्लामिया इंटर कॉलेज का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां से पढ़े छात्र देश और प्रदेश में उच्च पदों पर पहुंचकर समाज और राष्ट्र को दिशा दे रहे हैं। उन्होंने इटावा को प्राचीन काल से गंगदेव की नगरी बताते हुए कहा कि यह नगर आज संस्कृति की एक राजधानी के रूप में उभर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस भाषा और संस्कृति में हम जन्म लेते हैं, वही हमारी असली धरोहर होती है। उस धरोहर को संजोकर रखना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि भले ही सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, लेकिन इसके बावजूद अब फैसलों का अनुवाद 16 अन्य भाषाओं में किया जा रहा है, जिससे आम लोगों तक न्याय की पहुंच आसान हो सके। मुख्य न्यायाधीश ने अपने जीवन से जुड़ा एक प्रसंग साझा करते हुए अपने मित्र के संदेश का उल्लेख किया, जिससे श्रोताओं को गहरी प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं होती, बल्कि वह हमारी सोच और संस्कारों को भी आकार देती है। इससे पहले न्यायमूर्ति सूर्यकांत दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर सैफई हवाई पट्टी पर निजी विमान से पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद वह शहर के एक होटल पहुंचे और लगभग ढाई बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस्लामिया इंटर कॉलेज कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुश चतुर्वेदी ने किया। समारोह में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, राष्ट्र गौरव शायर वसीम बरेलवी, न्यायमूर्ति ब्रजराज सिंह, पद्मश्री कवि सुरेन्द्र शर्मा, प्रख्यात समीक्षक डॉ पवन अग्रवाल, एयर मार्शल अमित तिवारी, संगीत निर्देशक संजीव कोहली, जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव सहित अनेक साहित्यकार, कवि, लेखक, शिक्षाविद्, अधिकारी और हिन्दी सेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।
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