गोंडा जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र में रेतवागाड़ा गांव के पास 30 नवंबर रविवार को एक महिला का अधजला शव मिला था। घटना के 11 दिन बीत जाने के बाद भी शव की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस महिला की पहचान के लिए चप्पल और पायल को मुख्य सुराग मान रही है। जो चप्पल बाराबंकी में बनी थी। वह बाराबंकी से बनकर गोंडा, बहराइच और बलरामपुर जिलों में ही सप्लाई की गई थी ऐसे में तीनों जिलों में चप्पल बेचने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। इसी आधार पर ग्राम समितियों की मदद से इन तीनों जिलों में गांव-गांव जाकर पूछताछ की जा रही है। ग्राम समितियां के लोगों को चप्पलों और पायलों की फोटो दी गई है उनके द्वारा उसी के माध्यम से पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। पहचान के लिए अब तक 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। 4 तस्वीरें देखिए… धानेपुर थाने की पुलिस और ग्राम समितियों ने तीनों जिलों के 200 से अधिक गांवों में भी पूछताछ की है, पर अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। धानेपुर थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि 11 दिन बाद भी महिला की पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने पुष्टि की कि महिला की चप्पलें बाराबंकी से तीन जिलों में भेजी गई थीं और ग्राम समितियों के माध्यम से इन्हीं के सहारे पहचान का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक हाथ और एक पैर भी मिला था, जिसके आधार पर भी पहचान की कोशिश की जा रही है। थानाध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि जल्द ही चप्पल और पायल के माध्यम से महिला की पहचान कर मामले का खुलासा किया जाएगा। इस कार्य में कई टीमें लगी हुई हैं। जो महिला चप्पल पहनी थी वह अन्य जिलों में नहीं बिक्री होती है ऐसे में उम्मीद है कि जल्दी हम लोग पहचान कर लेंगे।
https://ift.tt/VCbS7Ie
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply