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‘तांत्रिक के कहने पर मकान मालकिन चुड़ैल लगी…मार डाला’:गाजियाबाद में हत्यारोपी बोला- 2 बच्चे मर गए, कारोबार भी डूबा

‘साहब, मकान मालकिन जब चिल्ला रही थी, तो हमें लगा कि तांत्रिक जिस भूत बाधा के बारे में कहता था, वो यही दीपशिखा है। फिर जैसे हमारे ऊपर शैतान सवार हो गया। गला घोंटकर कैसे हमने लाश को सूटकेस में पैक कर दिया, हम समझ ही नहीं पाए। जैसे कोई ताकत हमसे ये सब करवा रही हो।’ ये कहना है गाजियाबाद में कारोबारी उमेश की पत्नी दीपशिखा की हत्या करने वाले पति-पत्नी अजय और आकृति का। पुलिस कस्टडी में दोनों से करीब 4.30 घंटे तक पूछताछ हुई। पुलिस के सामने अजय ने जो कहानी सुनाई, वो चौंकाने वाली थी। अजय ने पिछले 2 साल में जो कुछ भी किया, वो सब हापुड़ और लोनी के तांत्रिकों के कहने पर कर रहा था। 2 बच्चों की मौत के बाद वह फिर पिता बनना चाहता था। तांत्रिक कहते थे कि जिस मकान में रहते हो, वहां भूत बाधा है। इसलिए अजय ने 2 साल में 4 मकान बदले। लेकिन, न तो बच्चा हुआ और न ही ट्रांसपोर्ट के कारोबार में मुनाफा हुआ। नतीजा अजय और आकृति दिमागी रूप से बहुत परेशान हो चुके थे। इसलिए 17 दिसंबर की शाम 7.30 बजे दीपशिखा के साथ झगड़ा होने के बाद उसको बेरहमी से मार डाला। दीपशिखा के शरीर की हड्डियां 19 जगह पर टूटी मिलीं। 19 दिसंबर (शुक्रवार) को दीपशिखा का अंतिम संस्कार हापुड़ में उनके पैतृक गांव में हुआ। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पुलिस कस्टडी कैसे हुई पूछताछ…जानिए शराब की आदत में पिता से झगड़े, घर छोड़ा
पुलिस कस्टडी में इंस्पेक्टर ने पूछा- अपनी शुरुआती जिंदगी के बारे में बताओ? अजय गुप्ता ने कहा- हमारा परिवार गाजियाबाद के संजयनगर में रहता है। मैं टैक्सी ड्राइवर था। 2013 में मेरी शादी आकृति से हुई। शादी के बाद मेरे खर्च बढ़ गए। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को अलग-अलग डेस्टिनेशन पर लेकर जाने लगा था। ज्यादातर घर से बाहर रहने लगा। इसीलिए शराब पीने की लत लग गई। जल्द ही ये बात मेरे पापा तक पहुंच गई। उन्हें लगा कि मैं गलत रास्ते पर चल पड़ा हूं। इसलिए मेरे आने-जाने पर पूछताछ बढ़ गई। मेरे झगड़े भी पापा के साथ हुए। इसलिए मैंने तय कर लिया कि घर छोड़ दूंगा। ये बात होगी 2017 की। मैं पत्नी आकृति को लेकर एक किराए के मकान में शिफ्ट हो गया। मेरे 2 बच्चे थे। एक बेटा, दूसरी बेटी। परिवार से अलग रहने के दौरान धीरे-धीरे दिक्कतें शुरू हुईं। मेरे बेटे को तेज बुखार आया। बहुत इलाज कराया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। पहले बेटे, फिर बेटी की भी बीमारी से मौत हो गई। ट्रांसपोर्टर दोस्त ने तांत्रिक से मिलवाया
इंस्पेक्टर ने पूछा- फिर क्या हुआ? अजय ने कहा- बच्चों की मौत से ज्यादा बुरा वक्त कोई हो नहीं सकता। मैं और आकृति बहुत परेशान हो गए थे। कार को चलाने में ज्यादा पैसे भी नहीं मिल रहे थे। इस दौरान मेरी जान-पहचान विजयनगर में रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर से हुई। मैं जिस किराए के मकान में रह रहा था, उसको छोड़ दिया। अपने दोस्त ट्रांसपोर्टर के साथ रहने लगा। अब हमने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया। मैंने अपने दोस्त को परिवार में हुए झगड़े और अपने दोनों बच्चों की मौत के बारे में बताया। तब मेरे दोस्त ने बताया- तुम्हें हापुड़ में बाबूगढ़ छावनी जाना चाहिए। वहां एक तांत्रिक है, वो बता देगा कि तुम्हें क्या परेशानी है? अगर परिवार पर कोई ऊपरी बाधा है, तो वह भी बता देगा। कुछ इलाज भी कर देगा। तांत्रिक ने कहा- तुम्हारा घर बसेगा, आंगन में बच्चे खेलेंगे
इंस्पेक्टर ने पूछा- तो क्या तांत्रिक के पास गए थे? अजय ने कहा- मैं रेगुलर तांत्रिक के पास जाने लगा। आकृति भी साथ जाया करती थी। मैं वहां 2 ही सवाल लेकर जा रहा था। पहला सवाल- मेरा बिजनेस कब रफ्तार पकड़ेगा? दूसरा सवाल- क्या मैं दोबारा पिता बन पाऊंगा? तांत्रिक ने हमें कुछ पूजा बताई, वो हमने घर पर की। एक बार अघोरी ने पूजा के लिए हमें श्मशान बुलाया। हम उसके बताए समय पर गए और पूजा में शामिल हुए। लेकिन, कोई फायदा होता नहीं दिखा। इसलिए लोनी के एक दूसरे तांत्रिक के पास भी हम जाने लगे। उसने हमसे कहा कि तुम्हारा घर फिर से बसेगा, तुम्हारे आंगन में बच्चे खेलेंगे। लेकिन, मेरे अंदर जो उथल पुथल मची हुई थी, इंतजार नहीं हो रहा था। न बिजनेस बढ़ रहा था, न परिवार ही बढ़ रहा था। बस मेरी चिंता बढ़ती जा रही थी। तांत्रिक ने भूत बाधा बताई, इसलिए लगातार मकान बदलते रहे
इंस्पेक्टर ने पूछा- फिर इतनी गरीबी कैसे हो गई कि किराया देने के लिए भी रुपए नहीं अरेंज हो पा रहे थे? अजय ने कहा- दरअसल, तांत्रिक ही हमसे कह रहा था कि तुम्हें भूत बाधा है। जिस घर पर रहते हो, वहां बुरी नजर का साया है। जब तक मकान नहीं बदलोगे, जिंदगी में बदलाव नहीं आएगा। इसलिए पिछले 2 साल में हम दोनों संजयनगर, विजयनगर और फिर सिहानीगेट में किराए पर रहने आए। लेकिन कारोबार में घाटा ही होता रहा। तांत्रिक से निराश होने के बाद मैंने आकृति का डॉक्टर से इलाज भी करवाया। लेकिन, ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में घाटे और शराब की आदत की वजह से मैं कंगाली की स्थिति में आ गया। अब मेरी स्थिति ऐसी भी नहीं बची कि किराए के मकान में रह सकूं। दीपशिखा ने धमकाया- नाली, फुटपाथ पर रहो
फिर इंस्पेक्टर ने पूछा- दीपशिखा के फ्लैट में कब शिफ्ट हुए? अजय ने कहा- जुलाई, 2025 को गाजियाबाद के सिहानीगेट थाने से 1Km दूर काइमेरा सोसाइटी में उमेश और दीपशिखा के फ्लैट को मैंने किराए पर लिया। यहां कुछ गड़बड़ करने का हमारा मकसद नहीं था, न ही हमने ऐसा सोचा था। लेकिन, हालात कुछ ऐसे बने कि हम यहां किराया नहीं चुका सके। 1-1 करके 6 महीने का किराया बकाया हो गया। इंस्पेक्टर ने पूछा- फिर हत्या क्यों की? अजय ने कहा- हमने कुछ ऐसा प्लान नहीं किया था। लेकिन, पिछले 2 महीने से दीपशिखा फोन पर बहुत भला-बुरा बोलने लगी थीं। हम सब कुछ बर्दाश्त करते रहे। लेकिन, 17 दिसंबर की रात को जब वह घर आईं, तो उन्होंने गुस्से में मेरे ऊपर हाथ उठा दिया। कहा- जब यहां रहने की हैसियत नहीं, तो निकल जाओ, कहीं भी नाली, फुटपाथ पर रहो। लेकिन, यहां से निकलो। तब मुझे गुस्सा आ गया। आकृति भी मेरी बेइज्जती देखकर हमलावर हो गई। उसी गुस्से के आवेश में हमसे मर्डर हो गया। अजय ने कहा- मर्डर के पास उत्तराखंड भाग जाते
इंस्पेक्टर ने पूछा- मर्डर के बाद क्या करने वाले थे? अजय ने बताया- जब मकान मालिक दीपशिखा ने बुधवार दोपहर को फ्लैट पर आकर बेइज्जत किया तो मुझे अच्छा नहीं लगा। मेरी मकान मालकिन दीपशिखा से बहस होने लगी। इस बीच पत्नी आकृति बीच में बोली, तो दीपशिखा ने उससे अभद्रता कर दी। इतना टॉर्चर किया कि लगा हमारा इस दुनिया में कोई नहीं बच्चों की मौत हो चुकी है, परिवार से नाता खत्म हो चुका है। इसको मारकर लाश फेंक देंगे। हम पति-पत्नी ने सोच लिया था कि उत्तराखंड में जाकर किराए पर दूसरा मकान देख लेंगे, अब वहीं पर रहेंगे। (पुलिस ने अजय और आकृति के इन बयानों की वीडियोग्राफी भी की है।) अब अजय के पड़ोसी की बात पड़ोसी बोले- अजय-आकृति ऐसा करेंगे, ये भरोसा नहीं होता
दीपशिखा काइमेरा सोसाइटी के टावर-M के फ्लैट नंबर 105 में रहती थीं। उन्होंने जो फ्लैट किराए पर दिया था, वो टावर-F में 506 नंबर था। यहां हमारी मुलाकात प्रमोद शर्मा से हुई। वह कहते हैं- सोसाइटी में अजय ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता था। मैंने भी सोसाइटी में रहने वाले किसी शख्स को उससे मिलते-जुलते नहीं देखा। अजय ज्यादातर अकेले ही रहता था। लेकिन उसको देखकर ये नहीं लगा कि वो इतना बड़ा कदम उठा लेगा। वो 6 महीने से यहां रहा रहा था। न कभी किसी से लड़ते देखा, न ही किसी से उनका कोई विवाद हुआ। वहीं, मकान मालकिन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हमारा एक दोस्त उनका पड़ोसी है। उनका परिवार काफी अच्छा है। हमने उन्हें कई बार आते-जाते देखा है। उन्हें जिस तरह से मारा गया, उस तरह से मर्डर नहीं होना चाहिए था। अब जानिए कि मर्डर की रात यानी 17 दिसंबर को क्या हुआ आकृति ने कॉल किया, दीदी किराया लेने आ जाइए
किराएदार आकृति गुप्ता ने शाम 7 बजे दीपशिखा को काल किया। कहा- दीदी, आप अभी फ्लैट पर आ सकती हैं क्या? हमने कुछ रुपए अरेंज किए हैं। आप ले लीजिए, बचे हुए रुपए भी जल्दी दे देंगे। 7.30 बजे दीपशिखा फ्लैट नंबर-506 पर पहुंच गईं। यहां अजय और आकृति पूरी प्लानिंग कर चुके थे। आकृति ने कहा- दीदी आप बेडरूम में चलिए, वहीं रुपए रखे हैं। अजय ने मेन गेट को अंदर से लॉक कर लिया। दोनों दीपशिखा को बेडरूम में लेकर पहुंचे। दीपशिखा ने हाथ पकड़े, बोली- तुम्हें हम गरीबों का दर्द नहीं दिखता
यहां आकृति ने दीपशिखा के दोनों हाथ पकड़ लिए। कहा- तुम्हें सिर्फ रुपए दिखते हैं, गरीबों का दर्द नहीं दिखता। अब तुम्हारा हिसाब चुकता कर देते हैं। पीछे खड़े अजय ने दीपशिखा के मुंह में चुनरी ठूंस दी, इसलिए दीपशिखा की चीख नहीं पाईं और उनका दम घुटने लगा। दीपशिखा छटपटाते हुए फर्श पर गिर पड़ीं। वह बचने के लिए हाथ-पैर मारने लगीं। आकृति ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए। अजय ने उनका गला घोंटना शुरू कर दिया। दीपशिखा की सांस पूरी तरह से टूटी नहीं थी, आकृति किचन से कुकर उठा ले आई और सिर पर एक-एक करके कई वार कर दिए। पोस्टमॉर्टम में दीपशिखा की गर्दन की हड्‌डी इसलिए टूटी मिली। सूटकेस में बॉडी नहीं आई, तो हाथ-पैर तोड़कर भर दिया
पति-पत्नी ने पहले ही सोच लिया था कि दीपशिखा को मारने के बाद लाश का क्या करना है, उन्होंने लाल रंग के एक सूटकेस को खाली करके रखा हुआ था। दीपशिखा की बॉडी को उस सूटकेस में भरने की कोशिश करने लगे। जब बॉडी नहीं आई तो हाथ-पैर तोड़ दिए। घुटनों के पास से दोनों पैरों को भी तोड़कर मोड़ दिया। लाश को सूटकेस में रखकर चेन बंद कर दी। अजय सूटकेस को किसी नाले में फेंकना चाहता था। इसलिए एक ऑटो को बुक करके बुला लिया था। रात में करीब 11 बजे वो लोग सूटकेस लेकर लिफ्ट से नीचे आ गए। ऑटो में बैठ ही रहे थे कि दीपशिखा की मेड मिनी वहां पहुंच गई। ऑटो में बैठते ही नौकरानी ने पकड़ा, बोली- दीदी नहीं मिल रहीं
जब रात के 11 बजे तक दीपशिखा नहीं आईं, तो मिनी अजय के फ्लैट पर पहुंची, देखा कि दोनों वहां नहीं हैं, मालूम हुआ कि ऑटो से दोनों कहीं जा रहे हैं। मिनी लिफ्ट से तेजी से नीचे आई। उसने आकृति से पूछा- आज दीदी (दीपशिखा) आपके फ्लैट पर आई थीं, उसके बाद से उनका मोबाइल बंद जा रहा था। फिर उसने लाल सूटकेस देखकर पूछा- आप लोग कहां जा रहे हैं? आकृति ने कहा- हम शॉपिंग करने जा रहे हैं। तब मिनी ने कहा कि आप लोग कैसे हैं? यहां दीदी मिल नहीं रही हैं, आपको शॉपिंग की पड़ी है। इस वक्त तक पड़ोस में रहने वाली महिला राजेश वहां आ गईं। डायल-112 पर कॉल की गई। इसके बाद मिनी ने अजय और आकृति से कहा कि आप दोनों पहले फ्लैट पर चलिए। दीदी को ढूंढने में मदद करिए। जब अजय और आकृति अपने फ्लैट पर पहुंचे तो मिनी ने गेट पर बाहर से लॉक लगा दिया। पुलिस ने बेड के अंदर से बॉक्स निकाला
रात में करीब 12.30 बजे पुलिस आ गई। अजय भी समझ गया कि मेड और पड़ोसी उन पर शक कर रहे हैं, इसलिए अजय ने बेड के बाक्स में लाश वाला सूटकेस रखकर ऊपर से कपड़े लगा दिए। पुलिस आने के बाद अजय और आकृति से पूछताछ हुई। दोनों ने कहा- दीपशिखा 7.30 बजे आईं थी। 8 बजे वह किराया लेकर वापस चली गईं थीं। इसके बाद वह कहां गई़? ये हमें नहीं पता। इतने में गुस्से में मिनी ने कहा- वो सब तो ठीक है, मगर जिस सूटकेस को लेकर आप लोग शॉपिंग करने जा रहे थे, वो कहां है? दिखाई नहीं दे रहा है…। पुलिस ने इसके बाद पूरे फ्लैट की तलाशी ली। बेड के अंदर से लाल सूटकेस मिल गया। उसमें दीपशिखा की लाश मिल गई। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने कहा- किराए को लेकर पति पत्नी ने हत्या की है। अजय और आकृति को जेल भेजा गया है। पूछताछ में जो फैक्ट आए हैं, उन्हें कोर्ट के सामने रखा जाएगा। ————————— ये खबर भी पढ़े- 90 हजार किराए के लिए मालकिन की हत्या, गाजियाबाद में कातिल पति-पत्नी बोले- कोई हाथ उठाए, ये बर्दाश्त नहीं गाजियाबाद में टीचर दीपशिखा (40) की हत्या कर दी गई। कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने किरायेदार पति-पत्नी से किराया मांगा था। 6 महीने में 90 हजार रुपए बकाया हो गया था। दीपशिखा के हाथ महिला ने पकड़े, पति ने गले में फंदा कस दिया। चिल्ला न सके, इसलिए उनके मुंह में चुनरी ठूंस दी। पत्नी ने प्रेशर कुकर दीपशिखा के सिर पर इतनी तेज मारा कि उनका गले की हड्‌डी टूट गई। पढ़िए पूरी खबर…


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