सुल्तानपुर के हलियापुर थाना क्षेत्र में हनुमंत मेडिकल एजेंसी पर गंभीर आरोप लगे हैं। एजेंसी पर लखनऊ से प्रतिबंधित नशीली दवाओं की आपूर्ति करने और अयोध्या, अमेठी तथा सुल्तानपुर के दर्जनों मेडिकल स्टोरों के नाम पर फर्जी बिल काटने का आरोप है। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर पर सेटलमेंट के नाम पर रिश्वत मांगने का भी आरोप है, जिससे विवाद गहरा गया है। इसका एक ऑडियो भी सामने आया है। मामला सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जांच के बाद ड्रग इंस्पेक्टर राजू प्रसाद ने 17 नवंबर 2025 को एजेंसी को बंद करा दिया। फर्जी बिलों में अरविंद मेडिकल स्टोर को 135 बॉक्स, अमित मेडिकल स्टोर को 2550 स्ट्रिप और दिलीप मेडिकल स्टोर को 1950 स्ट्रिप दवा बेची जाना दिखाया गया है। हालांकि, इन मेडिकल स्टोरों के संचालकों ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने ये दवाएं खरीदी ही नहीं हैं और बिल पूरी तरह फर्जी हैं। इस बीच, कई मेडिकल स्टोर संचालकों ने दावा किया है कि एजेंसी संचालक रितेश श्रीवास्तव ने फोन पर अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा था कि बिल गलत कट गए हैं और वे हलफनामा दे देंगे। वहीं, रितेश श्रीवास्तव ने पलटवार करते हुए ड्रग इंस्पेक्टर पर सेटलमेंट के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। ड्रग इंस्पेक्टर राजू प्रसाद ने रिश्वत के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने बताया कि एजेंसी के कंप्यूटर में मेडिकल स्टोरों के खरीद रिकॉर्ड मिले हैं और जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। उधर, कुछ मेडिकल स्टोर संचालक यह भी आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें मौखिक निर्देशों के आधार पर अपनी दुकानें बंद करने को कहा जा रहा है, जिससे उनके रोजगार पर संकट आ गया है।
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