पंजाब कला साहित्य अकादमी, जालन्धर ने बलिया निवासी डॉ. विद्या सागर उपाध्याय को अपना सर्वोच्च सम्मान ‘राष्ट्रीय पंकस अकादमी अवार्ड’ प्रदान किया है। उन्हें यह सम्मान भारतीय ज्ञान-परंपरा और दर्शन के वैश्विक प्रचार-प्रसार में उनके योगदान के लिए दिया गया। यह सम्मान जालन्धर के प्रेस क्लब में आयोजित अकादमी के 29वें वार्षिक पुरस्कार समारोह में प्रदान किया गया। डॉ. उपाध्याय एक दार्शनिक, अंतरराष्ट्रीय वक्ता और अनेक मौलिक दार्शनिक कृतियों के लेखक हैं। समारोह में मनोरंजन कालिया (पूर्व मंत्री, पंजाब सरकार), ठाकुर सत्य प्रकाश सिंह (पूर्व मंत्री, हिमाचल प्रदेश), अर्पित शुक्ला (पुलिस महानिदेशक, पंजाब सरकार), अमित शर्मा (रेजिडेंट एडिटर, दैनिक जागरण पंजाब), सतनाम सिंह मानक (एग्जीक्यूटिव एडिटर, रोजाना अजित), सिमर सदोष (अध्यक्ष, पंजाब कला साहित्य अकादमी), हरप्रीत सिंह (सीईओ, पीटीसी न्यूज), जर्मन नागरिक ईश दीप कौन और फ्लोरिडा, अमेरिका से नेपाल से रेखा राय सहित भारत के लगभग सभी प्रांतों से विज्ञजन उपस्थित रहे। अकादमी के अध्यक्ष, निदेशक और सम्मानित अतिथियों ने संयुक्त रूप से डॉ. उपाध्याय को हिमाचल की टोपी, पंजाबी साफा, मफलर, मेडल, स्मृति चिह्न, प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र और श्रीफल प्रदान किया। अतिथियों ने डॉ. उपाध्याय के शोध, उनकी ग्रंथरचना और भारतीय दर्शन की पुनर्स्थापना में उनके योगदान की सराहना की। सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. उपाध्याय ने कहा, “यह पुरस्कार भारतीय दर्शन और हमारी अनादि ज्ञान-परंपरा की प्रतिष्ठा का प्रतीक है। मैं इसे देश की युवा पीढ़ी को समर्पित करता हूँ, जो सत्य, न्याय और विवेकपूर्ण चिंतन से भविष्य का निर्माण करेगी।” इस सम्मान की खबर मिलते ही बलिया व आस-पास के क्षेत्रों में हर्ष की लहर दौड़ गई। उमाशंकर राम, रामदरश यादव ‘क्रान्ति’, आलोक शुक्ला, नन्द जी नन्दा, आदित्य कुमार अंशु, आकाश तिवारी, संजय जायसवाल, बड़ेलाल यादव, करन सिंह, राजमंगल भारती, प्रमोद गुप्ता और वीरेन्द्र प्रताप यादव सहित अनेक साहित्यकारों, शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों ने डॉ. उपाध्याय को बधाई दी।
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