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डॉक्टर रामविलास दास वेदांती की श्रद्धांजलि सभा:महंत दिलीप दास त्यागी बोले- भगवान ने उन्हें आमंत्रित किया है, वे ओजस्वी वक्ता थे

राम मंदिर आंदोलन के योद्धा डॉ. रामविलास दास वेदांती महाराज सोमवार को ब्रह्मलीन हो गए। मंगलवार को सरयू नदी में उनको जलसमाधि दी गई। बुधवार को दोपहर 2:00 बजे से हिंदू धाम में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। सभा में अयोध्या के संतों-महंतों सहित भक्तों भी आए। श्रद्धांजलि सभा में मेयर गिरीश पति तिवारी वेदांती महाराज को याद करते हुए बोले- भगवान सिया-राम उनको अपनी शरण में स्थान दें। हम सभी अयोध्या से जुड़े लोग हैं। सनातन धर्म से जुड़े लोग हैं। हम लोगों का जीवन जब तक है तब तक हमारी स्मृतियों के अस्थायी अंश पूज्य महाराज रहेंगे। मैं पूरे महानगर की ओर से बहुत श्रद्धाभरे हद्धय से उन्हें स्मरण करता हूं। उनकी स्मृति से अपने आप को जोड़ता हूं। और इस अपेक्षा के साथ उनके उत्तराधिकारी, जो भी लोग उनसे जुड़े हैं, उनकी स्मृतियों को आगे साक्षित करेंगे। महंत दिलीप दास त्यागी ने कहा कि भगवान के यहां वेदांती जी को आमंत्रित किया गया है। वहां मन्दिर आंदोलन के अनेक योद्धा पहले जा चुके हैं। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि वेदांती राम मंदिर आंदोलन के ओजस्वी वक्ता थे और उसके लिए हमेशा तत्पर रहते थे। राममंदिर आंदोलन के संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती को मंगलवार शाम अयोध्या में जल-समाधि दी गई।दोपहर 2:20 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकली गई, जो हनुमान गढ़ी और राममंदिर होते हुए सरयू घाट पहुंची। वहां डॉ. रामविलास वेदांती के पार्थिव शरीर को स्नान कराया गया। मध्य प्रदेश के रीवा में हुआ निधन इससे पहले अंतिम दर्शन के लिए हिंदू धाम में पार्थिव देह को रखा गया। सीएम योगी, मंत्री सूर्य प्रताप शाही और भाजपा नेता बृजभूषण सिंह समेत कई लोगों ने डॉ. वेदांती को उनके आश्रम जाकर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा उनके अंतिम दर्शन करने देशभर से भी संत अयोध्या पहुंचे। 67 साल के डॉ. वेदांती का सोमवार को मध्यप्रदेश के रीवा में दोपहर 12:20 बजे निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर रात करीब साढ़े 11 बजे अयोध्या पहुंचा।डॉ. वेदांती की रीवा में रामकथा चल रही थी। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें एयरलिफ्ट कर भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी थी। एयर एंबुलेंस पहुंच भी गई थी, लेकिन कोहरे की वजह से लैंड नहीं कर सकी। डॉ. वेदांती का जन्म रीवा के गुढ़वा गांव में 7 अक्टूबर, 1958 को हुआ था। जब वे 12 साल के थे, तभी अयोध्या आ गए थे। उनका पूरा जीवन यहीं बीता। यूपी के प्रतापगढ़ और जौनपुर की मछली शहर सीट से वे 2 बार भाजपा के सांसद रहे।


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