गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र में 25 जुलाई की सुबह डॉक्टर के पति एयरफोर्स कर्मी अशोक जायसवाल का अपहरण बदमाशों ने कर लिया था। इसके बाद डॉक्टर से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। इस घटना का पर्दाफाश कर पुलिस ने 12 घंटे में अशोक जायसवाल को ढूंढकर सुरक्षित घर पहुंचाया था। इसके बाद एक-एक कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में 3 माह के अंदर ही शाहपुर पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। शाहपुर पुलिस ने गुरुवार को अपहरण के 10 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है। इसमे गैंग लीडर बेलघाट का करुणेश दुबे, सिकरीगंज का श्यामसुंदर उर्फ गुड्डू यादव, कमालूद्दीन उर्फ कमालू, जनार्दन गौड़, प्रीतम कुमार, अंकित तिवारी उर्फ शेरू, अंशुमान त्रिपाठी उर्फ अंश, शाहपुर के प्रदीप सोनी उर्फ पिंटू, रामगढ़ताल क्षेत्र का देवेश मणि त्रिपाठी उर्फ तरुण और राजघाट अमरूदमंडी के इंद्रेश तिवारी उर्फ मोनू का नाम शामिल है। गैंग लीडर के करुणेश दुबे के साथ मिलकर सभी आरोपियों ने अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद पुलिस आरोपियों की अवैध संपत्ति चिन्हित कर रही है। इसके बाद जब्तीकरण की कार्रवाई भी होगी। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया- शाहपुर थाना क्षेत्र में आरोपियों ने अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। इस मामले की अच्छे से पैरवी कर जल्द से जल्द सभी आरोपियों को सजा कराई जाएगी। पड़ोसी ने कराया था अपहरण, इस तरह खुला राज
गोरखपुर में डॉ. सुषमा जायसवाल के पति अशोक जायसवाल का अपहरण उसके पड़ोसी ज्वैलर्स प्रदीप सोनी ने कराई थी। यह खुलासा मुख्य आरोपी कमालुद्दीन ने पुलिस पूछताछ में किया। पुलिस कमालुद्दीन को रायबरेली से 28 घंटे के रिमांड पर लेकर शनिवार को गोरखपुर पहुंची थी। मुख्य आरोपी कमालुद्दीन ने पुलिस पूछताछ में बताया- पड़ोसी ज्वैलर्स ने साजिश रचकर व्यापार का घाटा पूरा करने के लिए अशोक का अपहरण कराया था। इसके बाद शाहपुर पुलिस ने साजिश रचने वाले 3 और आरोपियों को रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया। इसमें पादरी बाजार का ज्वैलर्स प्रदीप सोनी, खोराबार के तरुण त्रिपाठी और गोला क्षेत्र के मोनू त्रिपाठी थे। अशोक से बिजनेस के नाम पर 5 लाख रुपए प्रदीप ने लिए
कमालुद्दीन ने पूछताछ में बताया- गोल्ड कारोबारी प्रदीप सोनी ने रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी अशोक जायसवाल से बिजनेस के नाम पर 5 लाख रुपए उधार में लिए थे। साथ ही अशोक के हॉस्पिटल में एक गोल्ड ज्वैलरी की शॉप भी प्रदीप ने खोली थी। जो हाईवे बनने के दौरान टूट गई थी। बकाया रुपए न देने पड़े इसलिए ज्वेलर्स ने अपने मित्र तरुण त्रिपाठी से किडनैपिंग का प्लान बनाया। तरुण ने पूरा प्लान तैयार किया। इसके बाद मोनू त्रिपाठी, करुणेश दुबे और कमालुद्दीन को जोड़ा। सभी को पता था कि अशोक जायसवाल थोड़ा बहुत धमकाने के बाद ही पैसा मिल जाएगा। व्यापारी के इशारे पर ही फिरौती भी मांगी गई थी। उसी ने बताया था कि उनके घर की अलमारी में करोड़ों रुपए रखे हुए हैं। क्योंकि ज्वैलर्स की शॉप खोलने के दौरान अशोक के घर एवं हॉस्पिटल के सीसीटीवी का एक्सेस प्रदीप के पास भी था। अशोक ने प्रदीप का डीवीआर अपने यह लगा लिया था। उसका पासवर्ड नहीं बदला था। इसी से प्रदीप को आसपास की जानकारी मिलती रहती थी। वह कई दिन से CCTV की रेकी कर रहा था। इसी के बाद से उसने अपहरण की पूरी साजिश रची। लोन वाली गाड़ियों से चलता था कमालुद्दीन
पुलिस का पता चला था कि कमालुद्दीन ने दो शादियां की हैं। इसमें एक हिंदू और दूसरी मुस्लिम लड़की हैं। वह हमेशा बीएमडब्ल्यू कार से चलता था। इसके बारे में जांच करने पर पता चला कि कमालुद्दीन लोन वाली गाड़ियों का समय से पैसा नहीं जमा होने पर खींचने का काम करता था। इसी दौरान एक बीएमडब्ल्यू कार मिली थी। जिससे वह चल रहा था। वह उसकी कार नहीं थी। अब डॉक्टर के पति के अपहरण की कहानी भी जानिए बदमाशों ने की थी 5 करोड़ की डिमांड
25 जुलाई की सुबह करीब 5:30 बजे पादरी बाजार निवासी रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी अशोक जायसवाल जॉगिंग और स्विमिंग के लिए साइकिल से रेलवे स्टेडियम जा रहे थे। कौवाबाग अंडरपास के पास कार सवार बदमाश उनका अपहरण कर ले गए। करीब 4 घंटे बाद पत्नी डॉ. सुषमा जायसवाल के फोन पर वॉट्सऐप कॉल आई। बदमाशों ने अशोक जायसवाल से बात कराई। फिरौती के रूप में पहले 5 करोड़ रुपए की मांग की। इसके बाद 1 करोड़ फिर 15 लाख रुपए की डिमांड बदमाशों ने की थी। पत्नी की सूचना के बाद शाहपुर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने ऑपरेशन अशोक के लिए 6 टीमें बनाई थीं। 12 घंटे के अंदर उन्हें खोज निकाला और 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कमालुद्दीन से पूछताछ के बाद पड़ोसी का नाम आया पुलिस पूछताछ में पता चला कि अपहरण में 10 बदमाश शामिल थे। दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। इसी के बाद कमालुद्दीन सहित अन्य आरोपियों का नाम सामने आया था। कमालूद्दीन की गिरफ्तारी के लिए उस पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया था। लेकिन उसने इनाम घोषित होने के अगले दिन ही रायबरेली कोर्ट में दर्ज एक केस में चल रहे एनबीडब्ल्यू में वह सरेंडर कर दिया। पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के लिए अर्जी दी थी। इसके तहत 28 घंटे की कोर्ट से अनुमति मिली। कोर्ट के आदेश के साथ शाहपुर थाने की टीम शनिवार की सुबह 10 बजे रायबरेली जेल पहुंची और वहां से कमालुद्दीन को लेकर गोरखपुर आई। पूरी रात पूछताछ की गई। उसने ही पड़ोसी का नाम बताया था। जिससे पूरी घटना खुल पाई थी। कमालुद्दीन गाड़ी चोरी के आरोप में रायबरेली जेल में बंद है। ———————–
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