झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को MBBS डॉक्टर्स ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है था कि उन्हें दिहाड़ी मजदूरों वाला मानदेय दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को सौंपते हुए डॉक्टर्स ने ये भी कहा कि बिहार जैसे राज्य में भी इंटर्न को 30 हजार रुपए दिए जाते हैं।उन्हें भी उतना ही भुगतान किया जाए। तीन फोटो में देखें डॉक्टर्स का प्रदर्शन… नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले दर्जनों की संख्या में मेडिकल कॉलेज के इंटर्न MBBS डॉक्टर्स प्रिंसिपल ऑफिस पहुंचे। यहां उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि उन्हें देश के किसी भी राज्य में कार्यरत इंटर्न डॉक्टर्स के मुकाबले बहुत कम मानदेय दिया जा रहा है। वह आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं, मरीजों की देखभाल करते हैं। बावजूद इसके उन्हें मानदेय के रूप में 12 हजार रुपए दिए जा रहे हैं, जो उन्हें अपमानित करने वाला महसूस होता है। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे डॉक्टर सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि ये देशव्यापी आंदोलन है। जिसमें हम अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। इतना कम मानदेय कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं देता। बताया कि उत्तर प्रदेश के अलावा इतना कम मानदेय कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं देता। हमारे स्टूडेंट स्किल्ड हैं जो सभी को पता है। लेकिन, उन्हें मानदेय दिए जा रहा है उस वर्कर का जिसे कुछ नहीं आता वह सिर्फ मजदूरी कर सकते हैं। लेकिन शासन ने डॉक्टर्स को भी दिहाड़ी मजदूर की कैटेगरी में शामिल कर उन्हें 400 रुपए दे रही है। कहा कि आज हमने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल मुख्यमंत्री के नाम एक छह सूत्रीय मांग पत्र दिया है। युवा डॉक्टर बोले-हम डॉक्टर हैं, लेबर नहीं मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन कर रहे MBBS इंटर्न हाथ में पोस्टर बैनर लेकर प्रिंसिपल ऑफिस पहुंचे और यहां जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि एक अनस्किल्ड लेबर होती है उसे भी इतना कम मानदेय नहीं मिलता है, जितना कम हम लोगों को दिया जा रहा है। बोले, डॉक्टर्स की कमी को भी हम पूरा करने का काम करते हैं। लेकिन, हमारे कामों का फल नहीं मिला। दूसरे स्टेट में 25 से लेकर 35 हजार तक दिए जा रहे हैं।
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