सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची के डिजिटलीकरण और गणना प्रपत्र अपलोडिंग में आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर समाजवादी पार्टी की विधायक सैयदा खातून ने चुनाव आयोग का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश को पत्र भेजकर स्थिति को गंभीर बताया और तत्काल समाधान की मांग की है। विधायक के अनुसार क्षेत्र 306 डुमरियागंज के कई पोलिंग स्टेशनों पर 2003 की मतदाता सूची उपलब्ध ही नहीं है। बूथ संख्या 192, 193, 194, 431, 443, 444, 445, 446, 447, 448, 449 और 450 पर सूची अपलोड न होने से मतदाता गणना प्रपत्र में आवश्यक कॉलम भर नहीं पा रहे। बीएलओ लगातार शिकायत कर रहे हैं कि सिस्टम में रिकॉर्ड नॉट फाउंड दिखाने की वजह से उन्हें मजबूरी में तीसरा विकल्प चुनकर अपलोड करना पड़ रहा है। विधायक ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि लगभग 70 प्रतिशत बूथों पर यही समस्या दोहराई जा रही है। उनका कहना है कि यदि यह तकनीकी त्रुटि समय रहते ठीक न हुई, तो 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने के बाद बड़ी संख्या में मतदाताओं को नोटिस भेजे जा सकते हैं। इससे उन लोगों का नाम सूची से कटने का खतरा रहेगा, जिनके नाम वर्ष 2003 से लेकर 2025 तक लगातार मतदाता सूची में दर्ज हैं। सैयदा खातून ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर असर डालने वाली स्थिति बताया। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी समस्या मतदाता अधिकारों पर सीधी चोट है और इससे आमजन में भ्रम फैल रहा है। बीएलओ तथा नागरिकों की ओर से लगातार मिली शिकायतों से स्पष्ट है कि समस्या व्यापक है और इसे सामान्य त्रुटि मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि सभी प्रभावित बूथों की तकनीकी जांच कराई जाए और 2003 की मतदाता सूची तत्काल पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाए, ताकि अपलोडिंग प्रक्रिया सही ढंग से हो सके। विधायक ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि कोई भी वैध मतदाता—चाहे वह 2003 से सूची में हो या 2025 तक—अपनी पहचान से वंचित न होने पाए। उन्होंने विश्वास जताया कि आयोग इस मुद्दे को संज्ञान में लेकर शीघ्र न्यायसंगत निर्णय करेगा, जिससे लोकतंत्र की बुनियाद—मतदाता की आवाज—अक्षुण्ण रह सके।
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