जिलाधिकारी आलोक कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आईजीआरएस पोर्टल पर लंबित शिकायतों और कर-करेत्तर की समीक्षा की गई। बैठक में अधिकारियों को जनपद की रैंकिंग सुधारने के निर्देश दिए गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जयप्रकाश और अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) चंद्रेश कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त सभी संदर्भों का निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से निस्तारण किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि कोई भी संदर्भ डिफाल्टर श्रेणी में न जाए और निस्तारण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। आईजीआरएस पोर्टल से संबंधित शिकायती प्रकरणों की विभागवार समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि संदर्भों के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ता की संतुष्टि के फीडबैक पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जनसामान्य की शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान, जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को उनके विभाग से संबंधित योजनाओं और निर्माण कार्यों में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे सीएम डैशबोर्ड पर जनपद की रैंकिंग बेहतर बनी रहेगी। बैठक में कर-करेत्तर की भी विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने आबकारी, व्यापार कर, परिवहन, स्टाम्प शुल्क, विद्युत देयों की वसूली, वन विभाग, सिंचाई एवं नलकूप, नगर निकायों में राजस्व संग्रह, खनन, मंडी समिति, बांट माप, खाद्य एवं सुरक्षा सहित अन्य राजस्व संग्रह से संबंधित विभागों द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष वसूली की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने लक्षित राजस्व देयों की वसूली में सुधार लाने और समय-सीमा के भीतर शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए।
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