सीतापुर में प्रशासनिक कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर. ने सोमवार शाम करीब 4 बजे खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय, सिधौली का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विभिन्न विभागीय कार्यों और अभिलेखों में मिली कमियों पर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान स्थापना कक्ष, शिकायत रजिस्टर, मनरेगा पटल एवं लेखाकार कक्ष का गहन अवलोकन किया। ग्राम विकास अधिकारी की सेवापुस्तिका में दर्ज अर्जित अवकाश, चिकित्सीय अवकाश तथा पुरानी पेंशन से संबंधित अभिलेखों की भी जांच की गई। इसमें खामियां पाए जाने पर खण्ड विकास अधिकारी को तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए। शिकायत रजिस्टर में शिकायतकर्ताओं के मोबाइल नंबर अंकित न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर की। एक शिकायत के निस्तारण में प्रस्तुत आख्या गलत पाए जाने पर खण्ड विकास अधिकारी धर्मेन्द्र मौर्या का स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए। वहीं, कनिष्ठ सहायक राजकमल द्वारा गलत आख्या प्रस्तुत किए जाने पर उनके विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के आदेश दिए गए। जिलाधिकारी ने स्वयं शिकायतकर्ता से फोन पर वार्ता कर निस्तारण की स्थिति का फीडबैक भी लिया। मनरेगा से संबंधित फाइलों में अनियमितताएं मिलने पर एपीओ अर्चना सिंह को स्पष्टीकरण सहित नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। लेखाकार कक्ष में फाइलों का रख-रखाव असंतोषजनक पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई। कार्य प्रारंभ और पूर्ण होने से संबंधित फोटो उपलब्ध न होने पर जेई आलोक कुमार यादव को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए। इसके अतिरिक्त मास्टर रजिस्टर उपलब्ध न होने पर एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी को स्वयं भी अभिलेखों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। स्वयं सहायता समूहों से जुड़े भुगतान रजिस्टर का भी अवलोकन किया गया। सरकार की मंशा के अनुरूप कार्यों में रुचि न लेने वाले तीन कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान खण्ड विकास अधिकारी सिधौली धर्मेन्द्र मौर्या सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
https://ift.tt/EJdARPK
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply