आजमगढ़ के डीएम रविंद्र कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में पशुपालन विभाग की जिला स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन और समीक्षा समिति की बैठक की। इस बैठक में डीएम ने निर्देश दिया कि गौशालाओं मे संरक्षित गोवंश को ठण्ड से बचाव हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कोटेदारों से बोरे लेकर गोवंश के लिए काऊ कोट बनवाएं तथा सभी गौशालाओं को तिरपाल से चारों तरफ से ढक दें। डीएम ने निर्देश दिया कि समस्त निकायों में स्थापित गौशालाओं में अलाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। परन्तु केयरटेकर की उपस्थिति में ही अलाव जलाया जाए। ठंड से बचाव हेतु गौशालाओं में गोवंश के नीचे पुआल आदि बिछायें। गौशालाओं में विद्युत तारों को प्रॉपर ऊंचाई पर ही रहे तथा पशुओं की पहुंच से दूर रहे।डीएम ने निर्देश दिया कि गौशाला में संरक्षित नर/मादा, बच्चे तथा बीमार पशुओं को अलग-अलग बाड़े में रखा जाए। उन्होंने कहा की सहभागिता योजना अंतर्गत दिए गए गोवंश का सत्यापन कराने के पश्चात ही पशुपालकों को सहायता राशि दी जाए। सीडीपीओ के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले कुपोषित बच्चों के परिवारों को गौशाला में से अच्छी गुणवत्ता की गाय सुपुर्द की जाए। मृत पशुओं का प्रॉपर तरीके से हो निस्तारण डीएम ने कहा कि मृत होने वाले गोवंशों का प्रॉपर तरीके से निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी प्रकार के लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि दो दिन के अंदर समस्त गौशालाओं का निरीक्षण करें एवं दिए गए निर्देशों के संबंध में केयरटेकर को अवगत करा दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के प्रस्ताव पर गौशालाओं में रहने वाले केयरटेकर का मानदेय 6000 के स्थान पर 7000 करने की सहमति प्रदान की।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित रहे।
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