रामपुर में जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हो रही है। शहर में रैन बसेरे होने के बावजूद, कई दर्जन महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सिविल लाइन क्षेत्र में रेलवे स्टेशन से बस स्टेशन के बीच खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। भीषण सर्दी के बावजूद, रेलवे स्टेशन पर यात्रियों और रिक्शा चालकों के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग ठंड से बचने के लिए कूड़ा-करकट और पॉलिथीन जलाकर गुजारा कर रहे हैं। महिलाओं ने रैन बसेरों में न जाने का कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएं बताईं। रेलवे स्टेशन के सामने दिल्ली-लखनऊ हाईवे किनारे दुकानों के छज्जे के नीचे सो रही महिलाओं ने बताया कि रैन बसेरों में शराबी आते हैं, जिससे उन्हें डर लगता है। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने निर्देश दिए थे कि जिले में कोई भी खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा और नगर पालिका की टीम ऐसे लोगों को रैन बसेरों तक ले जाएगी। हालांकि, रात में कोई भी अधिकारी बाहर निकलकर स्थिति का जायजा नहीं ले रहा है, जिससे ये आदेश केवल कागजों तक सीमित रह गए हैं। एक नेत्रहीन बुजुर्ग व्यक्ति कई वर्षों से खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है। स्थानीय कुलियों ने बताया कि नगर पालिका के कर्मचारी कभी उन्हें रैन बसेरे नहीं ले जाते। स्थानीय लोग ही उन्हें कंबल, रजाई और भोजन उपलब्ध कराते हैं। जिलाधिकारी ने पुनः दोहराया है कि नगर पालिका द्वारा बनाए गए रैन बसेरों में अच्छी व्यवस्था है और टीम को चाहिए कि वह खुले में सो रहे लोगों को वहां तक पहुंचाए।
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