बांदा में ठगी के शिकार जमाकर्ताओं ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें अनियमित जमा योजनाएं पाबन्दी कानून (बड्स एक्ट 2019) के तहत उनके फंसे हुए पैसे का भुगतान कराने की मांग की गई है। ज्ञापन में बताया गया है कि टोगो रिटेल मार्केटिंग, वी-ऑल म्यूचुअल बेनिफिट निधि, पेट्रान मिनिरल एंड मेटल्स, जीजीआई सर्विसेज, कामधेनु और पीएसीएल जैसी कई कंपनियां बांदा जनपद में संचालित थीं। इन कंपनियों ने लोगों से पैसे जमा कराए थे, लेकिन अब सरकार द्वारा इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है और ये बंद हो चुकी हैं। संसद ने ठगी पीड़ितों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए बड्स एक्ट 2019 बनाया है। इस कानून के तहत राज्य सरकार ने मंडल आयुक्त को अपने अधिकार क्षेत्र में सक्षम अधिकारी नियुक्त किया है। शुरुआत में, जिलाधिकारी कार्यालय के शिकायत प्रकोष्ठ में ठगी पीड़ितों के आवेदन पत्र कुछ दिनों तक जमा कराए गए थे। हालांकि, बाद में यह प्रक्रिया बंद कर दी गई। चित्रकूटधाम मंडल बांदा के मंडल आयुक्त को ठगी पीड़ितों द्वारा पंजीकृत डाक के माध्यम से भी भुगतान आवेदन भेजे गए थे, लेकिन इन जमा किए गए आवेदन पत्रों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ितों ने जिलाधिकारी से निवेदन किया है कि शेष आवेदन पत्रों को जमा करने के लिए भुगतान पटल फिर से खुलवाए जाएं और बड्स एक्ट 2019 के तहत उनके भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाए।
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