संतकबीरनगर में पिछले लगभग दस दिनों से कड़ाके की ठंड की चपेट में है। सर्द पछुआ हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिले का न्यूनतम तापमान नैनीताल के बराबर, यानी 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, जिले में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हालांकि, तेज पछुआ हवाओं के कारण ठंड का एहसास वास्तविक तापमान से कहीं अधिक हो रहा है। सुबह और देर शाम ठंड का असर सबसे अधिक देखा जा रहा है, जिसके चलते शहर के बाजार, सड़कें और सार्वजनिक स्थान सुनसान नजर आ रहे हैं। लोग केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। ठंड का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों की शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ गया है। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है। खलीलाबाद सहित आसपास के गांवों में ठंड का कहर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यहां न केवल आम लोग, बल्कि मवेशी भी कड़ाके की ठंड से परेशान हैं।ग्रामीण अपने पशुओं को ठंड से बचाने के लिए भूसा, पुआल और प्लास्टिक शीट का सहारा ले रहे हैं, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से ठंड से राहत के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ग्रामीण इलाकों में चौक-चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था न होने को लेकर लोगों में नाराजगी है। आम जनता प्रशासन से जल्द से जल्द सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने और गरीब व जरूरतमंदों के लिए ठंड से बचाव के इंतजाम करने की मांग कर रही है।
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