सिद्धार्थनगर जिले में बढ़ती ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखना शुरू हो गया है। तापमान में गिरावट और कोहरे के कारण मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। इसका सीधा प्रभाव माधव प्रसाद तिवारी मेडिकल कॉलेज में देखा जा रहा है, जहां ओपीडी में मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। पहले प्रतिदिन करीब 700 मरीज इलाज के लिए आते थे, जो अब बढ़कर लगभग 1200 तक पहुंच गई है। मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमन गुप्ता ने बताया कि ठंड बढ़ने से हार्ट, न्यूरो, अस्थमा, निमोनिया और वायरल फीवर के मरीजों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। इन विभागों में मरीजों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि हुई है, और कई मरीज गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अचानक बदले मौसम ने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर दिया है, जिससे पुरानी बीमारियां फिर से उभर रही हैं और नए मरीज भी सामने आ रहे हैं। हृदय रोगियों की संख्या में विशेष वृद्धि देखी गई है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ने लगता है। इसके परिणामस्वरूप सीने में दर्द, घबराहट और सांस फूलने जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। पहले से हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को इस मौसम में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। इसी तरह, न्यूरो विभाग में भी स्ट्रोक, चक्कर आना, शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता और कमजोरी की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें बुजुर्गों की तादाद अधिक है। अस्थमा और अन्य सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। ठंडी हवा, कोहरा, प्रदूषण और अलाव के धुएं का फेफड़ों पर सीधा असर पड़ रहा है। अस्थमा के पुराने मरीजों में सांस फूलना, लगातार खांसी और सीने में जकड़न की शिकायतें बढ़ गई हैं। इसके अलावा, कई ऐसे लोग भी सामने आ रहे हैं जिन्हें पहले सांस की बीमारी नहीं थी। निमोनिया के मरीजों में भी वृद्धि दर्ज की गई है, जिनमें तेज बुखार और खांसी जैसे लक्षण प्रमुख हैं।
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