झांसी-ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को झांसी में विकसित किए जा रहे बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) से जुड़ा किसानों का मामला उठाया। सांसद ने कहा कि जिन गांवों की जमीनें बीडा परियोजना के तहत अधिग्रहीत की जा रही हैं, वहां का सर्किल रेट पिछले 15-20 सालों से नहीं बढ़ाया गया है। ऐसे में किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस मामले में यूपी सरकार के साथ समन्वय कर सर्किल रेट बढ़ाने में मदद की जाए। उन्होंने बताया कि झांसी में बनने जा रहा बीडा “नया नोएडा” कहा जा रहा है और यह लगभग 56 हजार एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहा है। अभी तक लगभग 22 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। इसमें ढिकौली, राजापुर, बचावनी खेड़ा, बदौरा और रक्सा क्षेत्र के कई गांव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सर्किल रेट न बढ़ने की वजह से इन गांवों के कई किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। सांसद ने स्पीकर के माध्यम से सरकार से यह विनती की कि अगर सर्किल रेट बढ़ाया जाए तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और वे विकास कार्यों में भी सहयोग की भावना से आगे आएंगे। आर्मी को दी गई जमीन पर भी उठाया मुआवजे का मुद्दा
सांसद अनुराग शर्मा ने झांसी में आर्मी को दी गई जमीन और किसानों के पुनर्वास से जुड़े विषय को भी सदन में उठाया। उन्होंने बताया कि लगभग 60 साल पहले झांसी में आर्म्ड बेस बनाने के लिए 400 स्क्वायर किलोमीटर भूमि दी गई थी। यह जमीन किसानों ने अपनी जरूरतें और भविष्य दांव पर लगाकर दी थी। इसके बदले में उन्हें पुनर्वास के लिए दूसरी जमीन दी जानी थी। सांसद ने कहा कि इन किसानों को अब भी उचित मुआवजे और पुनर्वास का इंतजार है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि जब सेना के लिए किसानों की जमीन ली जाए, तो उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
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