झांसी के न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने पोक्सो के अपराधी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सात साल पहले उल्दन थाना क्षेत्र के रहने वाले अपराधी ने दसवीं की नाबालिग छात्रा के साथ घर में घुसकर अश्लीलता की थी। किशोरी के शोर मचाने और छोटी बहन के मौके पर पहुंच जाने के बाद आरोपी फरार हो गया था। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा की पैरवी ने उसे कोर्ट ने सजा दिलाई। विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने कोर्ट का निर्णय आने के बाद बताया कि 12 नवंबर 2018 को उल्दन थाने में दसवीं की नाबालिग छात्रा ने तहरीर देते हुए अभियुक्त संजू सिंह अहिवार के खिलाफ पोक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। किशोरी ने घटना की जानकारी देते हुए पुलिस को बताया था कि वह दोपहर दो बजे के आसपास अपने घर में थी, वहीं उसकी छोटी बहन अंदर कपड़े बदल रही थी। इसी दौरान उल्दन थाना क्षेत्र के नौटा गांव का रहने वाला संजू सिंह अहिवार घर में घुस आया। इसके बाद उसने किशोरी का मुंह दबाकर अश्लील हरकत करना शुरू कर दी। जिसका विरोध करते हुए किशोरी ने शोर मचाया तो छोटी बहन वहां आ गई। इसके बाद ही आरोपी संजू मौके पर भाग गया था। लेकिन वह उसे स्कूल आते-जाते परेशान करने लगा। इस पूरी घटना की शिकायत किशोरी ने पुलिस से करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। यहां पुलिस ने आरोपी संजू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करते हुए आरोप पत्र दाखिल किया था। दूसरी तरफ विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने मामले में प्रभावी पैरवी की तो न्यायालय क्स सामने आरोपी संजू का दोष सिद्ध हो गया। लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की कोर्ट ने सबूत और गवाहों के आधार पर आरोपी संजू सिंह अहिरवार को मामले में दोषी मानते हुए उसे तीन साल के कठोर कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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