झांसी में आज वीरांगना झलकारीबाई की जयंती मनाई जा रही है। झलकारीबाई सेवा समिति द्वारा योजित कार्यक्रम में झलकारीबाई को श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया गया। इस मौके पर झांसी की पूर्व मेयर किरण वर्मा भी पहुंचीं और राहगीरों को वीरांगना झलकारीबाई के नारे लगाते हुए महिलाओं से उनके जैसा बनने का आह्वान किया। शहर से सटे भोजला गांव में जन्म लेने वालीं झलकारीबाई की आज 22 नवम्बर को 195वीं जयंती मनाई जा रही है। रानी लक्ष्मीबाई की तरह दिखने वालीं झलकारीबाई के किस्से हर जुबां पर होते हैं। ऐसी ही वीरांगना की जयंती का आयोजन झलकारीबाई सेवा समिति द्वारा किला मोड़ पर लगी उनकी प्रतिमा पर किया गया। झांसी की पूर्व मेयर और झलकारीबाई की जाति से आने वालीं किरण राजू वर्मा ने यहां वीरांगना की प्रतिमा पर माल्यर्पण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे समाज के साथ ही आज पूरा झांसी वीरांगना झलकारीबाई के त्याग और बलिदान पर गर्व करता है। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि हमें भी ऐसी वीरांगना के पदचिन्हों पर चलकर देश के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। यहां समिति द्वारा आयोजित भंडारे का वितरण भी पूर्व मेयर ने किया। रानी लक्ष्मीबाई को बचाने में निभाया था अहम किरदार इतिहासकार बताते हैं वीरांगना झलकारीबाई और रानी लक्ष्मीबाई दोनों को देखकर ये नहीं कहा जा सकता था कि वह अलग हैं। उनके हमशक्ल होने का फायदा रानी लक्ष्मीबाई को भी मिला। इतिहासविद डॉ. चित्रगुप्त का कहा है कि जब रानी लक्ष्मीबाई से अंग्रेजों ने युद्ध किया तो झलकारीबाई ने घोड़े पर सवार होकर उन्हें भ्रमित कर दिया, अंग्रेजी सेना को लगा कि वही रानी लक्ष्मीबाई हैं। इसी का लाभ उठाते हुए रानी लक्ष्मीबाई झांसी के किले से निकल गई थीं। कल होगा महिला सम्मान वीरांगना झलकारीबाई सेवा समिति के अध्यक्ष राजू वर्मा ने बताया कि झलकारीबाई वैसे तो पूरे झांसी और देश की वीरांगना हैं, लेकिन उन्होंने जिस प्रकार पूरे कोरी समाज को सम्मान की अनुभूति कराई उससे समाज में उनके बाद कई महिलाओं ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में समाज का गौरव बढ़ाया है। उनके इसी जज्बे को सलाम करने के लिए कल यानी 23 नवंबर को समिति ऐसी महिलाओं को मंच से सम्मानित करेगी।
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