झांसी में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला किया। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं में भी उन्होंने जोश भरने का काम किया। यहां मंच से बोले कि हमारे (भाजपा) के पास कार्यकर्ता हैं, जो देश और प्रदेश के हितों के लिए काम करते हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के पास कार्यकर्ता नहीं हैं गुंडे-माफिया हैं। उन्हें 2047 में भी सत्ता नहीं मिलेगी। उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है इसलिए जो मन में आता है बोलने लगते हैं। बता दें कि प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य रविवार को झांसी पहुंचे। इससे पहले उनका कार्यक्रम दो बार तब्दील हुआ। पहले उन्हें मध्य प्रदेश के दतिया में पीताम्बरा पीठ दर्शन के लिए जाना था, इसके बाद झांसी में कार्यकर्ता और जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक करनी थी। लेकिन उन्होंने दतिया जाने से पहले झांसी के सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। वहीं, मीडिया से बात करते हुए कि बुंदेलखंड में डबल इंजन की सरकार दिल्ली एनसीआर की तरह विकास का हब बनाने पर फोकस कर रही है। वहीं, अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि देश ने 2014 के बाद और उत्तर प्रदेश ने 2017 के बाद विकास देखा है। झांसी में भी कई विकास कार्य हुए हैं और लगातार जारी हैं। बोले कि अखिलेश यादव का दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है, इस समय वह कुछ भी बोल रहे हैं। उन्हें गुमान हो गया था कि लोकसभा में भाजपा से ज़्यादा सीट जीत गए हैं। इसीलिए बिहार में कह रहे थे कि पहले अवध जीता अब मगध भी जीतेंगे। लेकिन ये उनके मुंगेरी लाल के हसीन सपने हैं। वह 2027 तो दूर 2047 तक सत्ता में नहीं आने वाले। बोले-बूथ लूटकर सत्ता पाने वाले समाप्ति की ओर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस समय 12 राज्यों में मतदाता सूची के शुद्धिकरण का काम चल रहा है। पहले जो बूथ लूटकर चुनाव जीतते थे, सत्ता में आकर प्रदेश को लूटते थे, अब उनका दौर समाप्ति की ओर है। भारतीय जनता पार्टी 2047 की जिस योजना पर काम कर रही है, वह पूरा होता दिखाई दे रहा है। मतदाता सूची में कोई भी फर्जी और घुसपैठिया वोटर नहीं होगा। इसके लिए भाजपा का हर एक कार्यकर्ता पूरी ताकत से लगा हुआ है। लाल टोपी और जाली वाली टोपी वाले सब गायब हो गए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार चुनाव में जीत को लेकर कहा कि सपा को लोकसभा चुनाव में एक्सिडेंटल सीटें मिल गई थीं। लेकिन बिहार में प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिली जीत के बाद उन्हें समझ आ गया कि अब वह चुनाव नहीं जीत पाएंगे। जनता उन्हें सत्ता तो दूर विपक्ष में रहने लायक भी छोड़ेगी या नहीं। बोले लोकसभा में भाजपा से ज़्यादा सीट आने पर लाल टोपी और जाली वाली टोपी वाले उनके समर्थक अचानक नजर आने लगे थे। लेकिन बिहार चुनाव के बाद लाल टोपी जेब में रख ली और समर्थक भी गायब हो गए।
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