झांसी के दौरे पर आए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक गुरसरांय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचे। यहां हालात देखकर वह भड़क गए। अस्पताल परिसर में चारों तरफ गंदगी फैली थी। टॉयलेट महीनों से साफ नहीं किए गए थे, जबकि दीवारों पर नई पुताई कराई गई थी। यह देखकर डिप्टी सीएम का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरे आने की सूचना कल ही मिल गई थी, इसलिए दीवारों पर रंग करा दिया गया, लेकिन सफाई कराने की किसी ने जहमत नहीं उठाई। आगे निरीक्षण के दौरान उन्हें आग बुझाने वाला सिलेंडर भी एक्सपायरी हालत में मिला। इस पर उन्होंने सीएमओ से साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई घटना हुई तो इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक झांसी जिले की गरौठा तहसील के कस्बा गुरसरांय में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति जानने पहुंचे थे। दोपहर में जैसे ही उनका हेलीकॉप्टर गुरसरांय में उतरा, वह सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के लिए रवाना हो गए। उनके साथ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत और एमएलसी डॉ. बाबू लाल तिवारी भी मौजूद रहे। CHC पहुंचते ही डिप्टी सीएम ने निरीक्षण शुरू किया। जहां भी नजर गई, वहां गंदगी ही गंदगी दिखाई दी। इसके बाद वह एक-एक कमरे में जाकर हालात देखने लगे। जिस कमरे में गए, वहां सफाई का नामोनिशान नहीं था। इस पर वह काफी नाराज दिखे, हालांकि मौके पर किसी पर कार्रवाई नहीं की। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अस्पताल में कई खामियां मिली हैं, जिन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। अगली बार जब वह आएंगे तो देखेंगे कि हालात में सुधार हुआ या नहीं। डिप्टी सीएम बोले- अलमारियों का रखरखाव क्यों नहीं किया जा रहा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सबसे पहले डॉक्टर की ओपीडी में पहुंचे। यहां अलमारियों पर मोटी-मोटी धूल जमी हुई थी। उन्होंने डॉक्टर से पूछा कि क्या ये अलमारियां आपकी ही हैं। डॉक्टर के हां कहने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि फिर इनका रखरखाव ठीक से क्यों नहीं किया जा रहा। अगर अलमारियां खराब हैं तो हटाइए, लेकिन इतनी धूल क्यों जमा है। इसी दौरान उनकी नजर हाल ही में रंगे गए एक दरवाजे पर पड़ी। उन्होंने दरवाजा खोलकर अंदर देखा तो टॉयलेट की गंदगी देखकर उनका पारा चढ़ गया। प्रभारी डॉक्टर से कहा कि क्या यहां कभी सफाई हुई भी है। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि यहां कभी साफ-सफाई ही नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि कल आपको पता चल गया कि मैं आ रहा हूं, तो आपने दीवारों पर कलर करा दिया। इसके बाद आगे बढ़ते हुए उन्होंने कई सामानों को हाथ लगाकर देखा, लेकिन जहां भी हाथ लगाया, वहां सिर्फ धूल ही धूल मिली। इस पर उन्होंने मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई। एक्सपायरी हालत में मिला आग बुझाने वाला सिलेंडर
निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम की नजर दीवार पर टंगे आग बुझाने वाले सिलेंडर पर पड़ी। उन्होंने उसकी एक्सपायरी डेट देखने की कोशिश की, लेकिन काफी देर तक पर्ची नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सिलेंडर को नीचे उतरवाकर उसकी जांच की। सिलेंडर पर सिर्फ 2022 की निर्माण तिथि दर्ज थी, लेकिन रिफिल या एक्सपायरी से जुड़ी कोई जानकारी नहीं थी। इस पर डिप्टी सीएम काफी नाराज हो गए। उन्होंने प्रभारी डॉक्टर और सीएमओ को मौके पर बुलाकर पूछा कि सिलेंडर आखिरी बार कब रिफिल कराया गया था। प्रभारी ने जवाब दिया कि हर साल रिफिल कराया जाता है, लेकिन कोई ठोस प्रमाण नहीं दिखा सके। इस पर डिप्टी सीएम ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी तरह की दुर्घटना हो गई तो इसकी पूरी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए कि जिले के सभी अस्पतालों में लगे आग बुझाने वाले सिलेंडरों की तत्काल जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही दोबारा सामने न आए।
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