झांसी के मुक्ताकाशी मंच मैदान में हस्तशिल्प का बढ़ावा देने के लिए मेला लगाया गया है। यहां उत्तराखण्ड से लेकर वाराणसी और मुरादाबाद के हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर पहुंचे हैं लेकिन, उन्हें यहां निराशा ही हाथ लगी है। शिल्पियों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए जलकुंभी से बने पर्स और कांच की कलाकृतियों को सजाया है लेकिन, उन्हें खरीदने वालों की संख्या न के बराबर हैं। बता दें कि मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल से जुड़ी नागरिक विकास समिति ने झांसी किले की तलहटी के मुक्ताकाशी मंच मैदान पर 8 से 14 दिसंबर के बीच राष्ट्रीय स्तर का हस्तशिल्प मेला लगाया है। इस मेले में उत्तराखंड के उधमपुर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, राय बरेली, लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, आगरा, चित्रकूट, मथुरा समेत अन्य राज्यों से हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर पहुंचे हैं। लेकिन, मेले का प्रचार-प्रसार नहीं होने के चलते कारीगर मायूस नजर आ रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने मेले में स्टाल लगाने वाले हस्तशिल्पियों से बात की तो उन्होंने नाराजगी भी जताई। उनका कहना है कि शहर के बीचों बीच चल रहे मेले में ग्राहक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। इसका सीधा कारण प्रचार न होना है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि बचे हुए तीन दिन में ग्राहक आएं। आकर्षण का केंद्र हैं ये उत्पाद हस्तशिल्प मेले में आकर्षण का केंद्र लखीमपुर में निर्मित जलकुंभी से बने पर्स, शो पीस और डलिया है। इनको बनाने वालीं हस्तशिल्पी अनीता ने बताया कि उनके साथ समूह में अन्य महिलाएं भी जुड़ी हुई हैं, जो तालाब और नदियों से जलकुंभी निकाल कर लाती हैं। इसके बाद उसे प्रोसेस कर आकर्षक उत्पाद बनाए गए हैं। वहीं, मुरादाबाद हस्तशिल्पी ने बताया कि वह कांच के भगवान गणेश, भगवान शंकर, शिवलिंग और ऐसे ही कांच से तैयार घर के सजावटी सामान बनाते हैं। जिसकी कीमत 30 रुपए से लेकर 800 रुपए तक है। हस्तशिल्पी बोले-घर खाने के लिए घर से पैसे मंगवा रहे हस्तशिल्प मेले में 50 स्टॉल्स लगाए गए हैं। लेकिन, इन पर एक भी ग्राहक दिखाई नहीं दे रहा। सुबह 10 से रात 10 बजे तक चलने वाले मेले में आए हस्तशिल्पियों ने बताया कि यहां प्रचार नहीं होने से ग्राहक नहीं पहुंच रहे। कहा कि अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि खाना खाने के लिए भी घर से पैसे मंगवाने पड़ रहे हैं। बनारसी साड़ी की अच्छी है डिमांड हस्तशिल्प मेले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से आए हस्तशिल्पी जाहिद रिहान बनारसी साड़ी लेकर आए हैं। उनके पास 800 से लेकर 8000 रुपए तक की हैंडमेड बनारसी साड़ी हैं। जाहिद बताते हैं कि झांसी में लोगों को बनारसी साड़ियां काफी पसंद आ रही हैं। हालांकि, उनका कहना है कि अगर लोगों को मेले की जानकारी हो तो, बिक्री दोगुनी तक पहुंच सकती है।
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