ज्ञानवापी प्रकरण में कथित वजूखाने में बन्द ताले पर कपड़े बदलने वाले पॉइंट पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने इस वाद को पोषणीय नहीं पाया और किसी तरह के जजमेंट देने से इनकार कर दिया। बता दें कि प्रशासन की ओर से जिला जज के अदालत में एक आवेदन दिया गया था, जिसमें न्यायालय से मांग की गई थी की जो सेल बाजू खाने के गेट पर ताले लगाकर सील किया गया था। वह कपड़ा जर्जर हो गया है। उसे बदलने की आवश्यकता है। अंजुमन इंतजार की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है । सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश है कि निचली अदालत इस मामले में अपना कोई आदेश नहीं दे सकती है। पूजा स्थल उपबंध विधेयक 1991 के बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। हालांकि मामले में अगली सुनवाई की तिथि 6 जनवरी 2026 की नियत कर दी। सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल उपबंध विधेयक- 1991 की चल रही सुनवाई के में जिला जज वाराणसी ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। बताया कि तब तक निचली अदालत हैं, कोई भी नया मुकदमा एडमिट नहीं करेंगे और न ही ऐसा कोई भी आदेश नहीं देगी। जिससे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई प्रभावित हो। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार प्रक्रिया पूरी होगी बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से दायर एप्लिकेशन और श्रृंगार गौरी पक्ष की दलीलों पर सुनवाई करते हुए जिला जज संजीव शुक्ला ने कपड़ा बदलने की मांग को स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा कि यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार ही पूरी की जाएगी। सुनवाई के दौरान जज ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने जिलाधिकारी वाराणसी को इस मामले का नियंत्रक बनाया है। उन्हें जरूरी बदलाव या सुधार के लिए नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। कार्रवाई अदालत और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी, ताकि किसी भी पक्ष को आपत्ति न रहे।
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