जौनपुर में कोडिन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री के मामले में पांच और फर्जी दवा फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रदेश के आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ के निर्देश पर जिला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय ने नगर कोतवाली में तहरीर दी। इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 17 मेडिकल प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इससे पहले शैली ट्रेडर्स सहित जिले के 12 मेडिकल प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। इस नई कार्रवाई से दवा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि लाइसेंस नियमों का उल्लंघन कर करोड़ों रुपये का अवैध कारोबार करने वाले कई कारोबारी अब तक जांच के दायरे से बाहर थे। अब उनके खिलाफ पुलिस गिरफ्तारी से लेकर आय से अधिक संपत्ति की भी जांच शुरू होने की संभावना है। औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय ने बताया कि कोडिन युक्त खांसी की दवा का उपयोग गलत तरीके से व्यापार के लिए किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि दिल्ली स्थित फर्म शैली ट्रेडर्स और झारखंड के रांची स्थित एक संचालक द्वारा भारी मात्रा में कोडिन युक्त नया फेन्सेडिल कफ सिरप अवैध रूप से जौनपुर की मेडिकल एजेंसी से बेचा गया। जांच में सामने आया कि जिस मेडिकल एजेंसी से यह सिरप बेचा गया, वह मौके पर संचालित ही नहीं हो रही थी। इस कफ सिरप की अनुमानित कीमत 7 करोड़ रुपये आंकी गई है। एएसपी गोल्डी गुप्ता के निर्देश पर पूर्व में दर्ज एफआईआर में इन नए मामलों को भी जोड़ा जाएगा और आगे की विवेचना एवं वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, इतनी भारी मात्रा में कोडिन युक्त कफ सिरप की खरीद-बिक्री औषधि अनुज्ञप्ति की आड़ में कूट रचित बिलों के आधार पर की गई। इसका उद्देश्य गैर-चिकित्सा उपयोग के लिए नशे के रूप में खुले बाजार में बेचना था, जिससे संचालकों का एकमात्र मकसद अधिक धन कमाना था। जौनपुर की न्यू मिलन सुपर फार्मा , मिलन मेडिकल हॉल , चित्रांशी ब्रदर्स , नितेश मेडिकल एजेंसी और एके फार्मा मेडिकल एजेंसी पर कार्रवाई की गई है। आरोप है कि इन फर्मों के मालिकों ने कोडीन युक्त कफ सिरप का प्रयोग नशे के सौदागरों को सप्लाई करने में किया है। उनसे करोड़ों रुपए का लेनदेन भी किया है। एसआईटी की जांच में अब तक ऐसे ही चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
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