जौनपुर में अवैध आरओ वाटर प्लांट्स के खिलाफ व्यापक जन जागरण अभियान चलाया गया। इस दौरान सैकड़ों अवैध आरओ प्लांट्स द्वारा भूजल के अत्यधिक दोहन, जहरीले रिजेक्ट वाटर से खेतों और नदियों के प्रदूषण, तथा दूषित पानी से फैल रही बीमारियों के मुद्दे पर नागरिकों ने अपनी चिंता व्यक्त की। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि इन अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो अनिश्चितकालीन धरना और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। अभियान के दौरान महिलाओं ने कहा कि उनके बच्चे प्रतिदिन दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। बुजुर्गों ने बताया कि पहले एक कुआं पूरे मोहल्ले की पानी की जरूरत पूरी करता था, जबकि अब हर घर में पानी की किल्लत है। किसानों ने शिकायत की कि आरओ प्लांट्स से निकलने वाले रिजेक्ट वाटर के कारण उनकी खेत बंजर हो रहे हैं। युवाओं ने अपने भविष्य की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि आज वे चुप रहे, तो उनके बच्चे कैंसर और किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार होंगे। जनता ने एक स्वर में मांग की कि बिना एफएसएसएआई लाइसेंस और सीजीडब्ल्यूए एनओसी वाले सभी अवैध आरओ प्लांट्स को तुरंत सील किया जाए। जहरीला रिजेक्ट वाटर छोड़ने वालों पर एफएसएस एक्ट की धारा-59 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज कर भारी जुर्माना लगाया जाए। भूजल दोहन पर तत्काल रोक लगाने, हर प्लांट में डिजिटल फ्लो मीटर लगाने और रिजेक्ट वाटर रीयूज/ट्रीटमेंट सिस्टम अनिवार्य करने की भी मांग की गई। इसके अतिरिक्त, बीपीए युक्त जहरीले प्लास्टिक जार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और दूषित पानी से बीमार हुए परिवारों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविर व उचित मुआवजे की व्यवस्था करने की अपील की गई। नागरिकों ने बताया कि पिछले 2-3 सालों में आर्सेनिक और नाइट्रेट युक्त पानी के कारण कैंसर, किडनी स्टोन, ब्लू बेबी सिंड्रोम, थायरॉइड, पीसीओडी, लीवर की गंभीर बीमारियों के साथ-साथ बार-बार डायरिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस और त्वचा रोगों के मामलों में कई गुना वृद्धि हुई है। कई गांवों में तो एक साथ कई कैंसर मरीज मिल रहे हैं, जिससे यह बीमारी महामारी का रूप लेती जा रही है। हार्ट अटैक और मधुमेह जैसी बीमारियां भी अब आम हो गई हैं। अभियान के संयोजक विकास तिवारी ने कहा कि ये हजारों हस्ताक्षर केवल कागज पर नहीं, बल्कि जौनपुर की जनता की पीड़ा की चीख हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अभियान के माध्यम से प्राप्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा। यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जेल भरो आंदोलन, पूरे जिले में चक्का जाम और आवश्यकता पड़ने पर भूख हड़ताल तक जाएंगे।
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