जौनपुर डिपो में चालक और परिचालकों की भारी कमी के कारण यात्रियों को प्रतिदिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टाफ की कमी के चलते रोजाना लगभग 10 से 12 बसें अपने निर्धारित रूटों पर नहीं चल पा रही हैं। इससे यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है और निगम को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। डिपो में कुल 190 चालकों की आवश्यकता है, लेकिन नियमित और संविदा मिलाकर केवल 128 चालक ही उपलब्ध हैं। इस प्रकार 62 चालकों की कमी है। इसी तरह, 217 परिचालकों के मुकाबले 155 परिचालक ही तैनात हैं, जिससे 62 परिचालकों की भी कमी बनी हुई है। दशहरा से पहले जौनपुर डिपो को 10 नई बसें मिली थीं, जिससे रोडवेज के बेड़े में बसों की कुल संख्या 105 हो गई है। हालांकि, इन नई बसों को चलाने के लिए पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण इनका पूर्ण संचालन संभव नहीं हो पा रहा है। डिपो की एआरएम ममता दुबे ने बताया कि चालक-परिचालकों की कमी से बसों के संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि संविदा पर चालकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं और जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, ताकि यात्रियों को असुविधा न हो। यात्रियों को हो रही परेशानी का अंदाजा उनकी आपबीती से लगाया जा सकता है। नईगंज निवासी विजय तिवारी ने बताया कि उन्हें लखनऊ जाने के लिए शुक्रवार रात आठ बजे पॉलिटेक्निक चौराहे पर 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। बक्शा निवासी वीरेंद्र सविता ने बताया कि शनिवार को गाजीपुर जाने के लिए उन्होंने डिपो में एक घंटे तक बस का इंतजार किया, लेकिन कोई बस नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें डग्गामार वाहन से यात्रा करनी पड़ी।
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