जौनपुर के खुटहन विकासखंड के सलेमपुर गांव के किसान कृष्ण कुमार यादव ने पारंपरिक खेती छोड़कर स्ट्राबेरी की खेती में बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने मात्र चार महीने में लाखों रुपये की आय अर्जित कर अन्य किसानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि स्ट्राबेरी की खेती किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। पहले यह खेती केवल पहाड़ी और ठंडे क्षेत्रों तक सीमित थी, लेकिन अब जौनपुर जैसे जिलों के किसान भी इसे अपनाकर अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं। कृष्ण कुमार यादव ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत मल्चिंग तकनीक का उपयोग कर स्ट्राबेरी की खेती की। उन्होंने बताया कि लगभग 80,000 रुपये की लागत से उन्हें चार महीने में 3.5 से 4 लाख रुपये तक की बचत हुई है। उद्यान विभाग के मार्गदर्शन और बागवानी मिशन के तहत मिले अनुदान ने उन्हें आधुनिक खेती अपनाने में सहायता की। ‘विंटर डाउन’ प्रजाति की स्ट्राबेरी लगाई है, जो स्थानीय बाजार में 370-400 रुपये प्रति किलोग्राम तक आसानी से बिक जाती है। स्ट्राबेरी के अतिरिक्त, वे आलू, धान, गेहूं, सरसों और गन्ने की भी खेती करते हैं। उन्होंने उद्यान विभाग से 90 प्रतिशत सब्सिडी पर एक मिनी स्प्रिंकलर भी प्राप्त किया है, जिसका उपयोग वे अन्य फसलों की सिंचाई के लिए करते हैं। अब जौनपुर के किसान भी जागरूक होकर पारंपरिक खेती से हटकर उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर मुनाफा मिल रहा है। इस बदलाव में उद्यान विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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