मीरजापुर निवासी व्यवसायी विकास कुमार गुप्ता ने सोनभद्र एसपी को प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि उनकी जेसीबी मशीन को फर्जी तरीके से सोनभद्र के एक छह साल पुराने मोटर दुर्घटना मामले में फंसाया गया है।उन्होंने बताया कि जाली हस्ताक्षर, फर्जी आधार कार्ड और कूटरचित प्रार्थना पत्र के जरिए उनकी जेसीबी को हादसे में शामिल दिखाकर वाहन रिलीज भी करा लिया गया।इस पूरे प्रकरण में ठेकेदार,विवेचक और अन्य अज्ञात लोगों की मिलीभगत का आरोप है।एसपी के निर्देश पर जुगैल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विकास कुमार गुप्ता के अनुसार,उन्होंने वर्ष 2015 में अंसारी इंटरप्राइजेज से जेसीबी (UP 64 H 0655) खरीदी थी।इसे उनके निजी ईंट-भट्ठे के लिए मीरजापुर ले जाया गया था। गुप्ता का दावा है कि यह जेसीबी कभी सोनभद्र नहीं भेजी गई और न ही किसी को किराए पर दी गई। यह मामला जुगैल थाना क्षेत्र से जुड़ा छह साल पुराना है। 28 फरवरी 2019 को बड़गांवा निवासी तेजबली यादव ने जुगैल पुलिस को तहरीर दी थी।यादव ने बताया था कि उनके गांव में वाराणसी के ठेकेदार राजा यादव सड़क बनवा रहे थे।जेसीबी से काम के दौरान चालक की लापरवाही से बिजली का पोल टूटकर सड़क पर गिर गया,जिससे उनका बेटा रामसकल झुलस गया था। पुलिस ने तब जेसीबी चालक और ठेकेदार पर प्राथमिकी दर्ज कर संबंधित जेसीबी को जब्त कर थाने में खड़ा कर दिया था। इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब विकास कुमार गुप्ता को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT),सोनभद्र में उनके खिलाफ एकतरफा कार्यवाही की जानकारी मिली,जबकि उन्हें कोई समन नहीं मिला था। उनके अधिवक्ता ने जब पत्रावली का मुआयना किया, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। रिकॉर्ड में बिना दिनांक का प्रार्थना पत्र, गुप्ता के नाम से फर्जी हस्ताक्षर,कूटरचित आधार कार्ड और अप्रमाणित आरटीओ दस्तावेज़ मिले।वाहन रिलीज के लिए दाखिल अंडरटेकिंग पर न तो गुप्ता के हस्ताक्षर थे, न उनकी फोटो और न ही वे कभी न्यायालय में उपस्थित हुए थे। गुप्ता ने आरोप लगाया है कि इस पूरे प्रकरण में न्यायालय को गुमराह किया गया, फर्जी कागजातों के आधार पर वाहन रिलीज कराया गया और उन्हें बिना जानकारी के कानूनी विवाद में फंसाया गया।
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