बदायूं में एक महिला को बंधक बनाकर लाइसेंसी पिस्टल समेत 60 लाख रुपए की लूट करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का गठन जेल के अंदर हुआ था और बदमाशों ने वारदात से पहले पूरी रेकी की थी।बदमाशों ने लूट को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक ‘होमवर्क’ किया था। उन्हें पता था कि महिला किस समय मंदिर जाती है और कितनी देर में लौटती है। घर में कोई अन्य सदस्य नहीं रहता, यह जानकारी भी उनकी रेकी का हिस्सा थी, ताकि उन्हें पकड़ा न जा सके। पुलिस के अनुसार, यह शातिर अपराधी अलग-अलग मामलों में जेल में बंद थे, जहां उनकी दोस्ती हुई। जेल से बाहर आने के बाद, इस गिरोह ने मिलकर बड़ी लूट की योजना बनाई।मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान दीपक गौतम उर्फ मोनू, संतोष यादव और जसविंदर उर्फ काके के रूप में हुई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका लंबा आपराधिक इतिहास है। उन्होंने एक साल पहले जेल में रहते हुए एक-दूसरे से दोस्ती की थी और वहीं बड़ी लूट की योजना बनाई थी, ताकि वे ‘आगे की जिंदगी चैन से गुजार सकें’।बदमाशों ने कबूल किया कि उन्होंने तय किया था कि अब छोटी-मोटी वारदातों से काम नहीं चलेगा और वे बड़ी लूट को अंजाम देंगे, भले ही इसके लिए पहले से होमवर्क करना पड़े। उन्होंने यह भी बताया कि वे अगली वारदात भी इसी तरह करते, लेकिन पहली घटना में ही पकड़े गए। एसएसपी ने बताया कि इन तीनों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार रुपए का इनाम था। गिरोह का चौथा सदस्य बाकी माल लेकर फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
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