जीडीए की हरनंदीपुरम योजना के विरोध में पांच गांवों के किसानों ने रविवार को पंचायत की। किसानों ने आरोप लगाया कि जीडीए अधिकारी उनकी जमीन को लेकर दबाव बना रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। किसानों के अनुसार, शनिवार 20 दिसंबर 2025 को पंचायत की जानकारी मिलने के बाद जीडीए अधिकारियों ने उन पर दबाव बढ़ा दिया। किसानों ने बताया कि उन्हें खनन से जुड़े मामले में फंसाने की धमकी दी गई और अपने खेतों में जाने से रोका गया। किसानों ने पंचायत में आरोप लगाया कि इस दौरान जीडीए के ओएसडी राजीव, तहसीलदार विवेक मिश्रा और अन्य कर्मचारियों की मौजूदगी में किसानों के बच्चों के साथ हाथापाई और बदसलूकी की गई। किसानों का कहना है कि अधिकारियों ने उन्हें डराने का प्रयास करते हुए कहा कि जमीन जीडीए की है और फोर्स बुलाकर जेल भेजने की धमकी दी। कुछ लोगों को जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश भी की गई। हालात बिगड़ते देख, गांव के अन्य किसान मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को समझा-बुझाकर वापस भेजा। पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि किसान किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जीडीए अधिकारियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव का शांतिपूर्ण लेकिन मजबूती से विरोध किया जाएगा। किसानों ने जल्द ही मंडलायुक्त मेरठ मंडल से मिलकर पूरी योजना और जमीनी स्थिति से अवगत कराने की बात कही। किसान नेता दक्ष नागर ने किसानों के साथ हुए व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि किसानों के बच्चों के साथ हुई बदसलूकी को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही जिलाधिकारी गाजियाबाद और पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद से मुलाकात करेगा। वहीं, नंगला मोहनपुर के अमित प्रधान ने कहा कि जब तक संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक किसी भी जीडीए अधिकारी को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
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