जीएसटी विभाग की जांच में फर्जी बिलिंग और बिना वास्तविक माल आपूर्ति के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पास ऑन करने के दो मामले सामने आए हैं। विभाग की ओर से थाना शाहगंज और लोहामंडी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। शाहगंज थाने में दर्ज एफआईआर में कई फर्जी और अस्तित्वहीन फर्मों के जरिए Dry Arecanut (सुपारी) की आड़ में 1.96 करोड़ रुपए के फर्जी लेनदेन दिखाए गए। वहीं लोहामंडी थाने में 4 फर्मों पर एफआईआर की संस्तुति की गई है। शाहगंज थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार फर्म M/s Younk Traders द्वारा अपने जीएसटी रिटर्न में सुपारी की कोई वास्तविक आउटवर्ड सप्लाई घोषित नहीं की गई, जबकि फर्म से संबंधित अन्य फर्मों को बड़े पैमाने पर बिक्री दर्शाई गई थी। फर्म के पंजीकरण की तिथि से अब तक कोई वास्तविक खरीद-बिक्री नहीं हुई।
जीएसटी पोर्टल और विभागीय रिकॉर्ड की जांच में यह सामने आया कि सप्लाई दिखाने के लिए केवल कागजी बिल तैयार किए गए और माल का वास्तविक परिवहन नहीं हुआ। फर्जी बिलों के जरिए रिसीपिएंट फर्म को अनुचित आईटीसी पास ऑन की गई। ऐसे खुला फर्जीवाड़ा
21 नवंबर को नियमित चेकिंग के दौरान वाहन संख्या RJ02GC7791 को आगरा एक्सप्रेसवे पर रोका गया। वाहन चालक साकिर खान ने स्वयं को उक्त वाहन का ड्राइवर बताया और कहा कि वह असम से दिल्ली की ओर माल लेकर जा रहा है। जांच में सामने आया कि परिवहन के लिए Prime Logistic, गुवाहाटी द्वारा ई-वे बिल और टैक्स इनवॉइस जारी किए गए थे। लेकिन मौके पर भौतिक सत्यापन और बाद की जांच में यह पाया गया कि संबंधित सप्लायर और रिसीपिएंट फर्म वास्तव में अस्तित्वहीन हैं। GST पोर्टल पर सस्पेंशन
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि M/s Sustain Rebel Co. का जीएसटी पंजीकरण 4 नवंबर को सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं, Younk Traders द्वारा अब तक 27 टैक्स इनवॉइस जारी किए गए, जिनमें सुपारी की भारी मात्रा और लाखों रुपये का लेनदेन दर्शाया गया, जबकि वास्तविक सप्लाई का कोई प्रमाण नहीं मिला। 4 फर्म पर एफआईआर की संस्तुति
लोहामंडी थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार राज्य कर विभाग की जांच में सामने आया है कि केन्द्रीय क्षेत्राधिकार में पंजीकृत कई फर्मों को सुनियोजित तरीके से कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से पंजीकृत कराया गया। इन फर्मों का उद्देश्य बिना किसी वास्तविक माल आपूर्ति के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का अनुचित लाभ (पास-ऑन) करना था। जांच में पाया गया कि फर्मों ने अस्तित्वहीन और बोगस फर्मों से केवल कागजी लेनदेन दिखाकर फर्जी इनवर्ड सप्लाई घोषित की और उसी के आधार पर बोगस आईटीसी क्लेम किया। जबकि GST अधिनियम की धारा 16 के तहत बिना वास्तविक आपूर्ति के आईटीसी का दावा वैध नहीं है।
राज्य कर विभाग ने थाना प्रभारी, लोहामंडी को निर्देशित कर भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज कराने की सिफारिश की है।
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