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जिले में 84 फीसदी वोटरों की हुई मैपिंग:2003 की मतदाता सूची से मिला रिकार्ड; गोरखपुर ग्रामीण की स्थिति अब भी खराब

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्वाचन आयोग ने समय सीमा बढ़ा दी है। लेकिन जिले में गणना प्रपत्र भरने, उन्हें जमा करने और डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। अब 2003 की सूची से मैपिंग की जा रही है। जिले में अब तक 84 प्रतिशत मैपिंग हो चुकी है। यानी इतने मतदाताओं को अब कोई प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है। विधानसभा क्षेत्रवार बात करें तो गोरखपुर ग्रामीण की स्थिति इस मामले में सबसे खराब है। शहर की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। गोरखपुर ग्रामीण में 26 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं, जिनका 2003 की मतदाता सूची से मिलान नहीं हो सका है। यानी आने वाले समय में इन्हें कोई प्रमाण पत्र देना पड़ सकता है। इसके लिए ऐसे मतदाताओं को नोटिस जारी किया जाएगा। इसी तरह गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में 22 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं, जिनके गणना प्रपत्र भरे गए हैं, लेकिन उसमें 2003 की मतदाता सूची के रिकार्ड का जिक्र नहीं है। उनका भी मिलान नहीं हो सका है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में गणना प्रपत्र भरने की रफ्तार भी काफी सुस्त थी। खजनी व चौरी चौरा में 92 प्रतिशत काम पूरा
खजनी सुरक्षित एवं चौरी चौरा विधानसभा क्षेत्र की स्थिति काफी अच्छी है। यहां 2003 की मतदाता सूची से मिलान का काम काफी आगे है। 92 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग हो चुकी है। उन्हें कोई प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं रहेगी। बांसगांव और चिल्लूपार में 15-15 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है। प्रदेश के कुछ जिलों में अभियान की प्रगति और फील्ड में आ रही चुनौतियों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने गणना प्रपत्र भरने और उसके डिजिटाइजेशन की अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी है। इसके साथ ही निर्वाचक नामावली के आलेख्य प्रकाशन की तिथि भी 31 दिसंबर निर्धारित की गई है। ऐसे में जिला प्रशासन का पूरा जोर अब सटीक मैपिंग और एएसडी (अनुपस्थित, शिफ्टेट, मृतक) वोटरों के दोबारा सत्यापन पर है। यद्यपि कि जिला प्रशासन का दावा है कि जिले में जो वोटर इस श्रेणी में चिह्नित किए गए हैं, दोबारा सत्यापन में बहुत कम ही ऐसे मिल रहे, जो उपस्थित मिल रहे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विनीत सिंह ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं की मैपिंग कराने पर जोर है। जिनकी मैपिंग हो जा रही है। उन्हें किसी भी तरह के पहचान या प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


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