जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने सोमवार को जिला महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया और मरीजों तथा तीमारदारों से बातचीत की। उन्होंने उपचार व्यवस्थाओं, दवाओं की उपलब्धता और कर्मचारियों के व्यवहार पर फीडबैक लिया, साथ ही अवैध वसूली की संभावना पर भी पूछताछ की। पाण्डेय जच्चा-बच्चा वार्ड भी गए, जहां उन्होंने पिछले 24 घंटों में जन्मीं 12 नवजात बच्चियों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को बच्चियों की उचित देखभाल करने को कहा और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी नवजात बच्चियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए आवश्यक फॉर्म तुरंत भरवाकर समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया। निरीक्षण के दौरान जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा भी की गई। इसमें लगभग 1500 आवेदन लंबित पाए गए। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी लंबित प्रपत्रों का निस्तारण एक सप्ताह के भीतर हर हाल में किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि देरी होने पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद जिलाधिकारी ने अस्पताल की लैब, पैथोलॉजी, पर्चा काउंटर, पंजीकरण कक्ष और दवा वितरण केंद्र सहित अन्य प्रमुख इकाइयों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई, रजिस्टरों के रखरखाव और मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का गहन परीक्षण किया और आवश्यक सुधारों के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता पारदर्शी, प्रभावी और मरीज-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
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