अंबेडकरनगर में जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में गो-आश्रय स्थलों की समीक्षा बैठक हुई। इसमें ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में संचालित गो-आश्रय स्थलों की स्थापना, संचालन और निगरानी पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने गो-आश्रय स्थलों की वर्तमान स्थिति, संरक्षित गोवंशों की संख्या और पोर्टल पर दर्ज प्रविष्टियों का गहन अवलोकन किया। बैठक के दौरान गोवंशों के भरण-पोषण के लिए फंड की उपलब्धता और रिक्वेस्ट की स्थिति की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत विकास खंडवार जीवित गोवंश और फंड रिक्वेस्ट का जायजा लिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से नए सहभागियों को गोवंश उपलब्ध कराने की प्रगति पर भी जानकारी मांगी। इसके अतिरिक्त, पराली संग्रहण अभियान (1 नवंबर 2025 से 15 दिसंबर 2025) की प्रगति रिपोर्ट, गोचर/चारागाह भूमि पर हरा चारा बुआई, एस.एफ.सी. पूलिंग और गोबर निस्तारण के लिए कम्पोस्ट पिट निर्माण जैसे बिंदुओं की भी समीक्षा की गई। गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए तिरपाल, अलाव, काउकोट, सुरक्षा गार्ड और नियंत्रण कक्ष से जुड़े सीसीटीवी कैमरों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। वृहद गो संरक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हांकन की प्रगति भी बैठक का एक प्रमुख विषय रहा। जिलाधिकारी ने सड़कों पर घूमते निराश्रित और आवारा गोवंश को पकड़ने के निर्देश दिए। इसके लिए प्रत्येक विकास खंड में खंड विकास अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में सफाई कर्मचारी तथा पशुधन प्रसार अधिकारी की संयुक्त टीम अभियान चलाएगी। नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी इसी तरह के अभियान चलाकर गोवंश संरक्षित किए जाएंगे। अंत में, जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाएं किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक आश्रय स्थल पर गोवंश के संरक्षण, भोजन, सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रबंध पूरी जिम्मेदारी एवं संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टियां समय पर पूरी करने का भी निर्देश दिया।
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