जालौन के कोंच विकास खंड की ग्राम पंचायत पिरौना में मनरेगा और ग्राम निधि के कार्यों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। दो चरणों की जांच के बाद डीएम राजेश कुमार पांडेय ने प्रधान और दो पूर्व सचिवों से कुल 3,73,239 रुपए की क्षतिपूर्ति वसूलने का आदेश दिया है। डीएम ने बताया कि 4 अक्टूबर 2023 को गठित त्रिस्तरीय समिति ने 18 नवंबर 2024 को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसके अतिरिक्त, डिप्टी कलेक्टर/उप जिलाधिकारी प्रशिक्षु, खंड विकास अधिकारी कुठौंद और निर्माण खंड-3 लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता की संयुक्त टीम ने 8 दिसंबर 2023 को पिरौना में कराए गए विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया था। जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि दोनों रिपोर्टों में पाया गया कि पंचायत में कई विकास कार्य अधूरे छोड़ दिए गए थे। नाली निर्माण भी पूरा नहीं मिला और अभिलेखों में महत्वपूर्ण विवरण दर्ज नहीं किए गए थे। जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए। जिससे वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई। रिपोर्टों के आधार पर, सरकारी धन का कुल 3,73,239 रुपए का अपव्यय या दुरुपयोग पाया गया। इसके लिए ग्राम प्रधान प्रीति यादव, तत्कालीन पंचायत सचिव सुमित यादव और तत्कालीन सचिव अनुज गुप्ता को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। डीएम ने तीनों संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा के भीतर किसी का भी संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ, जिसे प्रशासन ने आरोपों की मौन स्वीकृति माना है। उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 27(2) के अंतर्गत क्षतिपूर्ति निर्धारण के बाद, प्रधान प्रीति यादव से 1,86,619.50 रुपए, पूर्व सचिव सुमित यादव से 1,21,170.00 रुपए और पूर्व सचिव अनुज गुप्ता से 65,449.50 रुपए की वसूली की जाएगी। कुल वसूली राशि 3,73,239 रुपए है। डीएम ने बताया कि यदि वसूली की यह राशि जमा नहीं की जाती है, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जाएगी।
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