जालौन जिले में पराली जलाने के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रवर्तन टीम ने सिरसा कलार निवासी विनोद सिंह, खोडन निवासी सूबेदार और छानी अहीर निवासी आशु को पराली जलाते हुए रंगे हाथों पकड़ा। चेतावनी के बावजूद न मानने पर तीनों किसानों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। यह कार्रवाई मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, उप कृषि निदेशक एस.के. उत्तम और प्रवर्तन टीम की सक्रियता से हुई। टीम लगातार क्षेत्र में गश्त कर पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रख रही है। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि संबंधित क्षेत्रों में तैनात लेखपाल और ग्राम पंचायत अधिकारी किसानों को जागरूक करने तथा पराली जलाने से रोकने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे थे। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने तीन लेखपालों और दो ग्राम पंचायत अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और जनस्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाने और कृषि विभाग की सुविधाओं का लाभ उठाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि रोकथाम से जुड़ी जिम्मेदारियों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिले के सभी किसानों से अपील की गई है कि वे पराली न जलाएं और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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