उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के पेंशनर्स और कार्यरत कर्मियों ने बुधवार को अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। एकीकृत संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस रैली में प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में कर्मचारी और पेंशनर्स शामिल हुए। उन्होंने सरकार और विभागीय अधिकारियों के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। मोर्चा के महासचिव ई० ए० के० सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि जल निगम (नगरीय/ग्रामीण) में समस्याओं का अंबार लगा है। उन्होंने विशेष रूप से वर्ष 2016 से लागू होने वाले सातवें वेतनमान की संस्तुतियों को अब तक लागू न किए जाने पर चिंता व्यक्त की। पेंशन और अन्य भुगतान नहीं किया जा रहा मोर्चा के उपाध्यक्ष राम सनेही यादव ने एक अन्य गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि 4141 नियमित कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बावजूद उन्हें पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने इस संबंध में शासन और जल निगम के संबंधित आदेशों को पहले ही रद्द कर दिया है। उपाध्यक्ष गिरीश यादव ने डीए/डीआर के भुगतान में विसंगति के बारे में बताया। उनके अनुसार, जल निगम (नगरीय) में वर्तमान में 212 प्रतिशत डीए/डीआर का भुगतान हो रहा है, जबकि शासन ने 257 प्रतिशत डीए/डीआर स्वीकृत किया है। 45 प्रतिशत कम डीए/डीआर मिलने से कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। पेंशन का भुगतान राजकीय कोषागार से कराने की मांग मोर्चा के अध्यक्ष सैयद अतहर कादिरी ने कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू करने की मांग की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने अधिकांश विभागों में यह सुविधा शुरू कर दी है, लेकिन जल निगम (नगरीय/ग्रामीण) में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है। सलाहकार इं० आर० एस० शुक्ला ने चार माह से लंबित वेतन और पेंशन के भुगतान का मुद्दा उठाया। उपाध्यक्ष शिव वचन यादव ने सेन्टेज दरों को वापस 22.5 प्रतिशत करने या पेंशन का भुगतान राजकीय कोषागार से कराने की मांग रखी।
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