संभल के थाना ऐंचौड़ा कम्बोह स्थित श्रीकल्कि धाम में जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने श्रीकल्कि कथा पुराण के तीसरे दिन भक्तों को श्रीकल्कि के प्राकट्य और उनकी लीलाओं के बारे में बताया। जगद्गुरु ने कहा कि भगवान श्रीकल्कि के अवतरण से पहले उनकी भक्ति कल्याणकारी होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है कि प्रभु के अवतार से पहले उनका नाम पुकारा जा रहा हो। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या राम अवतार से पहले राम नाम की चर्चा नहीं हो रही थी, और क्या करोड़ों वर्ष पहले भक्त प्रहलाद ने राम का नाम नहीं लिया था। जगद्गुरु ने आगे कहा कि यदि हम कल्कि अवतार से लाखों वर्ष पहले श्रीकल्कि पुराण की कथा कहकर भारत का नक्शा नहीं बदल सकते, तो हम कथा सुनकर भारत की भाग्य की रेखा को बदल सकते हैं। इसके साथ ही, रामभद्राचार्य महाराज ने देश के मौजूदा हालात और जागृत सनातन को लेकर कहा कि आज के हालात ऐसे हैं कि जो ऊंचे स्वर में श्रीराम कहेगा, वही भारत में राज करेगा। व्यास पीठ से आशीर्वचन देते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि कलियुग उद्धारक भगवान श्री कल्कि नारायण का जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को दिन में 12 बजे होगा। उन्होंने यह भी बताया कि वह शुभ दिन मंगलवार होगा। उन्होंने बताया कि श्रीकल्कि नारायण अपनी माता सुमति के चतुर्थ पुत्र होंगे और माता सुमति का मायका कम्बोज नामक स्थान पर होगा। श्रीमद जगद्गुरु ने कहा कि माता सुमति श्री कल्कि के अवतरण के समय अपने मायके में ही होंगी। भगवान के प्राकट्य के समय चिरंजीवी कृपाचार्य, भगवान परशुराम, बजरंगबली और महर्षि वेदव्यास भी वहां उपस्थित होंगे। भगवान का नामकरण महर्षि वेदव्यास जी करेंगे। पूज्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने यह भी कहा कि भगवान श्रीकल्कि का जिक्र वेदों से लेकर पुराणों तक समस्त धर्मग्रंथों में मिलता है। जगद्गुरु ने कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् और यूपी सरकार के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल को सुंदरकांड पाठ की पुस्तक भेंट की है। कार्यक्रम में बीजेपी जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र रिंकू सहित हजारों की संख्या में साधु-संत सहित श्रद्धालु पहुंचे।
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