संभल के श्रीकल्कि धाम में आयोजित श्रीकल्कि कथा के तीसरे दिन कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भगवान कल्कि के अवतार की तिथि स्पष्ट कर दी है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य के अनुसार, भगवान कल्कि का अवतार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को दोपहर 12 बजे होगा। आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने बताया कि यह घोषणा शास्त्रों में वर्णित तथ्यों के आधार पर की गई है। यह जानकारी उन लोगों की जिज्ञासा शांत करेगी जो भगवान कल्कि के आगमन का समय जानना चाहते थे। इस घोषणा के बाद, आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने सरकार से कल्कि जयंती की छुट्टी की तिथि में संशोधन की मांग की है। उन्होंने वर्तमान तिथि के बजाय वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को कल्कि जयंती का अवकाश घोषित करने का आग्रह किया। कल्कि पीठ और कल्कि धाम की ओर से यह भी घोषणा की गई कि श्री कल्कि धाम में कल्कि जयंती का उत्सव और भगवान कल्कि का जन्मोत्सव अब इसी नई तिथि पर मनाया जाएगा। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भगवान कल्कि के अवतार से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विवरण भी साझा किए। उन्होंने बताया कि भगवान कल्कि सुमति नामक महिला के गर्भ से अवतार लेंगे। पुराणों में सुमति माता और उनके पैतृक गांव ‘कंबोज’ (जिसे अब ऐंचौड़ा कंबोह कहा जाता है) का भी जिक्र है, जो भगवान कल्कि की माता का मायका है। उन्होंने इन तथ्यों को शास्त्रों के प्रमाणों के साथ सिद्ध किया है। आचार्य कृष्णम् ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि वे शास्त्रों के उन ज्ञाताओं में से हैं जिनके समान पूरी पृथ्वी पर कोई नहीं है। उनके द्वारा कही गई बातें शास्त्र के समान मानी जाती हैं। जगद्गुरु ने अपने व्याख्यान में यह भी कहा कि जिस तरह अयोध्या और काशी का स्थान है, वही स्थान संभल ग्राम का भी है। मैं उत्तर प्रदेश की सरकार से यह मांग भी करूंगा कि पुराणों में इस गांव का जो नाम है कंबोज है उसे किया जाएं, जहां सुमति माता का जन्म होगा। जहां पिछले साल प्रधानमंत्री ने आकर शिलान्यास किया, जहां श्रीकल्कि धाम का निर्माण हो रहा है, यह वह गांव है जहां सुमति माता का जन्म हुआ और उनके गर्व से भगवान कल्कि अवतरित होंगे। पूरे सनातन को इसका स्वागत करना चाहिए, यह सनातन कि वह उद्घोषणा है कि भविष्य का अवतार कहां होगा कब होगा क्यों होगा कैसे होगा किसके गर्भ से होगा जिस महिला के गर्भ से होगा उसका नाम सुमति होगा। भगवान कल्कि का पाठ किताबों में हो जाए तो बहुत अच्छा है भविष्य के अवतार है भगवान कल्कि सिर्फ सनातन के अवतार थोड़ी है पूरी सृष्टि के अंतिम अवतार हैं और अंधकार एवं अधर्म को मिटाने वाले अवतार हैं। जब भगवान कल्कि का अवतार होगा तो धरती से अधर्म समाप्त होकर इस सृष्टि सतयुग में प्रवेश करेगी। तो ऐसे अवतार का उल्लेख भारत के जो भविष्य हैं उनके पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए तो सनातन के लिए गौरव की बात होगी और इस राष्ट्र के लिए भी गौरव की बात होगी।
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