महराजगंज। फरेंदा न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वर्ष 2000 के एक पुराने मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया। जंगल से अवैध रूप से लकड़ी ले जाते पकड़े गए अभियुक्त पारस को न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि और एक दिन की न्यायिक अभिरक्षा की सजा से दंडित किया है। उस पर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला लगभग 25 वर्ष पुराना है। अभियोजन के अनुसार, वर्ष 2000 में पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र में वन विभाग की टीम गश्त कर रही थी। इसी दौरान टीम ने कोदईपुर उर्फ गिदहा निवासी पारस को जंगल से अवैध रूप से लकड़ी ले जाते हुए पकड़ा था। वन सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए पारस को मौके से हिरासत में लिया गया। उसके कब्जे से अवैध लकड़ी भी बरामद की गई थी। इस संबंध में पुरन्दरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई थी। यह मामला कई वर्षों तक न्यायालय में विचाराधीन रहा। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों, बरामदगी के विवरण और गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त पारस की संलिप्तता साबित की। अदालत ने पाया कि अभियुक्त ने वन संरक्षण कानूनों का उल्लंघन किया था। सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद, न्यायालय ने पारस को दोषी करार दिया। उसे जेल में बिताई गई अवधि को सजा मानते हुए एक दिन की अतिरिक्त न्यायिक अभिरक्षा और 1500 रुपये के अर्थदंड का आदेश दिया गया। इस संबंध में कोतवाल पुरन्दरपुर मनोज कुमार राय ने बताया कि न्यायालय द्वारा एक अभियुक्त को सजा सुनाई गई है।
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