बरेली में परिवर्तन कामी छात्र संगठन ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा है। इस ज्ञापन में देश में छात्राओं, अल्पसंख्यकों और बाहर से पढ़ाई करने आए विद्यार्थियों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। संगठन ने कहा कि हाल की घटनाओं ने इन चिंताओं को और गहरा दिया है। संगठन ने ज्ञापन में 27 दिसंबर को बरेली में हुई एक घटना का जिक्र किया। इसमें आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक नर्सिंग छात्रा की जन्मदिन पार्टी में रेस्तरां में घुसकर हंगामा किया। पार्टी में मौजूद छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट और धमकी दी गई। उपद्रव का कारण छात्रा के दो मुस्लिम मित्रों की मौजूदगी थी, जिस पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया गया। ज्ञापन में उत्तराखंड के देहरादून जिले के सेलाकुई में हुई एक अन्य घटना का भी उल्लेख है। यहां त्रिपुरा के रहने वाले एमबीए छात्र एंजेल चकमा के साथ नस्लीय टिप्पणी के बाद मारपीट की गई थी। गंभीर रूप से घायल एंजेल चकमा की 17 दिन के इलाज के बाद मौत हो गई। इस घटना ने बाहरी राज्यों से आए छात्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा, ज्ञापन में क्रिसमस के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर बरेली में चर्च के सामने हनुमान चालीसा पाठ और अन्य व्यवधानों का भी जिक्र किया गया है। इन घटनाओं को सामाजिक सौहार्द और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए चिंताजनक बताया गया। छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि कुछ अराजक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिसके कारण उनमें कानून का भय समाप्त हो गया है। इससे समाज में डर का माहौल बन रहा है। इन सभी घटनाओं के मद्देनजर, छात्र संगठन ने मांग की है कि छात्राओं, महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने हिंसा फैलाने वालों और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने ‘लव जिहाद’ जैसे आरोपों के नाम पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों को भी बंद करने की अपील की है।
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