चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के राघव प्रयाग घाट पर एक नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पाक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने चार दोषियों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मध्यप्रदेश के सतना जिला न्यायालय में तैनात विशेष न्यायाधीश अमर सिंह सिसोधिया की अदालत ने इस गंभीर अपराध को देखते हुए दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने दोषी मोहित उर्फ गोलू निषाद (निवासी नयागांव बाजार), विनोद निषाद (निवासी केवटरा नयागांव) और पंकज उर्फ छंगू जोशी (निवासी चोगड़िया बाजार सीतापुर कर्वी) पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं, मनोज चौधरी (निवासी सोहाना, जिला बांदा) पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड निर्धारित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान किया गया है। 5 आरोपियों ने किशोरी को नाव से लेकर गए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अनूप गुप्ता ने बताया कि यह मामला 5 मई 2023 का है। पीड़िता अपनी मां के साथ इलाज कराने चित्रकूट आई थी। शाम होने के कारण मां ने उसे पूर्व परिचित मनोज चौधरी के पास छोड़ दिया था। इसके बाद मनोज किशोरी को राघव प्रयाग घाट क्षेत्र में ले गया, जहां दोनों रात करीब 12 बजे सो रहे थे। इसी दौरान नशे की हालत में पहुंचे पांच आरोपितों ने किशोरी को नाव में बैठाया और नदी की मझधार में ले जाकर घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद आरोपित दोनों को घाट पर छोड़कर फरार हो गए। अगली सुबह पीड़िता ने थाने पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की। जांच के दौरान पीड़िता के बयान, चिकित्सकीय परीक्षण, गवाहों के कथन और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों के खिलाफ मजबूत प्रकरण तैयार किया गया। विवेचना पूर्ण होने के बाद नयागांव थाना पुलिस ने आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपितों के विरुद्ध आरोप सिद्ध करने में सफल रहा है। नाबालिग के साथ किया गया अपराध समाज के लिए अत्यंत घातक है और ऐसे मामलों में कठोर दंड आवश्यक है, ताकि समाज में एक स्पष्ट संदेश जाए।
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